इंडिया टुडे के स्टेट ऑफ स्टेट्स कॉन्क्लेव 2020 के तीसरे सेशन में कोरोना के बाद की दुनिया पर चर्चा हुई. इस सेशन में 'Building new india post pandemic world' पर चर्चा हुई. इस सेशन में फीडबैक इंफ्रा के चेयरमैन के विनायक चटर्जी, जनरल इलेक्ट्रिक पावर ट्रांसमिशन एसोसिएशन के डायरेक्टर जनरल विजय छिब्बर, ReNew पावर के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर सुमंत सिन्हा शामिल हुए.
कार्यक्रम में शिरकत करते हुए फीडबैक इंफ्रा के चेयरमैन विनायक चटर्जी ने कहा कि सरकार ने आर्थिक विकास के केंद्र में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को रखा है, ताकि पूरी अर्थव्यवस्था इसके इर्द गिर्द आ सके. विनायक चटर्जी ने कहा कि पीएम मोदी ने 20 लाख करोड़ के जिस प्रोजेक्ट का ऐलान कोरोना काल में किया है उसको रफ्तार देने के लिए सभी बाधाओं को दूर किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद की दुनिया में इकॉनामी को रफ्तार देने के लिए तेजी से काम करने की जरूरत है.
इलेक्ट्रिक पावर ट्रांसमिशन एसोसिएशन के डायरेक्टर जनरल विजय छिब्बर ने कहा है कि बुनियादी विकास को बढ़ावा देने के लिए रिन्यूबेल फंड इंडिया की जरूरत पड़ेगी. उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे जैसे कई सेक्टर हैं, जहां रिटर्न काफी कम है. ऐसे सेक्टर में निजी क्षेत्र मुश्किल से आएंगे, इसके लिए पब्लिक के पैसे की जरूरत पड़ेगी. हाईवे सेक्टर में भी पब्लिक इंवेस्टमेंट की संभावना है.
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विनय छिब्बर ने हाइपर लूप का उदाहरण देते हुए कहा कि अमेरिका, UAE जैसे देशों में ट्रांसपोर्ट के इस मोड पर विचार किया जा रहा है, लेकिन इसके लिए पब्लिक मनी का सहारा लिया जा रहा है. भारत को ऐसे विकल्पों पर विचार करना चाहिए. विनय छिब्बर ने कहा कि भारत के लिए हाईस्पीड रेलवे एक शानदार आइडिया है. ये गेमचेंजर साबित हो सकता है. लेकिन इसके लिए हम सरकारी पैसे का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन हाइपर लूप की बात करें तो इसी काम के लिए निजी निवेश का सहारा लिया जा रहा है.
ReNew पावर के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर सुमंत सिन्हा ने निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए कदमों की चर्चा करते हुए कहा कि हमारे यहां सही नियामक संस्थाएं होनी चाहिए. लेकिन ये हमारे पास ऐसा फ्रेमवर्क नहीं है. हमारे पास जो फ्रेमवर्क है वो निजी हितों से प्रभावित है. सुमंत सिन्हा ने कहा कि रेलवे में रिटर्न कम है, लेकिन इसके लिए हमें प्राइसिंग मैकेनिज्म पर काम करने की जरूरत है. अगर प्राइसिंग (कीमत निर्धारण) ठीक होगा तो निजी निवेश अपने आप आएंगे. उन्होंने कहा कि अगर निजी निवेशकों को सही रिटर्न और अच्छा माहौल दिया जाए तो बड़े प्रोजेक्ट के लिए हमें सरकारी पैसे पर निर्भर नहीं होगा पड़ेगा.
इससे पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश में राज्यों का विकास केंद्र की मदद के बिना नहीं हो सकता है और भारत का विकास राज्यों के बिना नहीं हो सकता है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दोनों में सहयोग के लिए तीन चीजें आवश्यक है. को-ऑपरेशन, कॉर्डिनेशन और कम्यूनिकेशन. गडकरी ने कहा कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने इस पर जोर दिया था. उन्होंने कहा कि किसी राज्य में किसी भी पार्टी की सरकार हो इन मूल भावनाओं पर ही काम किया जा सकता है.