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6854KM की दूरी, 3 स्टॉप... भारत के पहले C-295 ने स्पेन से भरी उड़ान, जानें- सेना को कैसे मजबूत करेगा ये विमान

भारतीय वायुसेना का पहला C-295 परिवहन विमान स्पेन से भारत के लिए उड़ान भर चुका है. इस एयरबस को लेकर वायुसेना प्रमुख ने कहा था कि ये सिर्फ इंडियन एयरफोर्स के लिए ही मील का पत्थर नहीं बल्कि पूरे देश के लिए है. सबसे खास बात यह है कि इसे टेकऑफ करने के लिए 844 मीटर से 934 मीटर लंबाई वाला रनवे चाहिए और उतरने के लिए सिर्फ 420 मीटर का.

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स्पेन में वायुसेना प्रमुख ने रिसीव किया पहला C-295 टैक्टिकल मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट
स्पेन में वायुसेना प्रमुख ने रिसीव किया पहला C-295 टैक्टिकल मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट

भारतीय वायुसेना का पहला C-295 परिवहन विमान आज स्पेन से भारत के लिए रवाना हो गया है. विमान को ग्रुप कैप्टन पीएस नेगी उड़ा रहे हैं और अगले कुछ दिनों में वडोदरा पहुंचने से पहले यह माल्टा, मिस्र और बहरीन में रुकेगा. विमान को 13 सितंबर को एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने रिसीव किया था.

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आत्मनिर्भर भारत की पहचान बनेगा एयरबस
इस एयरबस को लेकर वायुसेना प्रमुख ने कहा था कि ये सिर्फ इंडियन एयरफोर्स के लिए ही मील का पत्थर नहीं बल्कि पूरे देश के लिए है. इससे देश की टैक्टिकल क्षमताएं बढ़ेंगी. इसके साथ ही यह आत्मनिर्भर भारत की पहचान बनेगा. यहां से नए दौर की शुरुआत हो रही है. 16 विमान स्पेन में बनेंगे लेकिन 17वां भारत में बनाया जाएगा. यह भारतीय एविएशन उद्योग के लिए बड़ी बात है. 

स्पेन से भरी उड़ान, वडोदरा में होगी लैंडिंग
मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल वी आर चौधरी पहले सी-295 विमान की डिलीवरी लेने के लिए स्पेन के सेविले की यात्रा के लिए गए थे. भारत ने सितंबर 2021 में 56 सी-295 सैन्य परिवहन विमानों की आपूर्ति के लिए एयरबस के साथ एक समझौता किया था. समझौते के अनुसार, वडोदरा में एयरबस के साथ साझेदारी में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड द्वारा लगाए गए सेटअप में 40 विमान बनाए जाएंगे. एयरबस स्पेन में अपनी सुविधा से उड़ान भरने की स्थिति में 16 विमानों की आपूर्ति करेगा.

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ये है इस एयरबस की खासियत
5-10 टन क्षमता वाले सी-295 का उपयोग 71 सैनिकों या 50 पैराट्रूपर्स तक के सामरिक परिवहन के लिए और उन स्थानों पर रसद संचालन के लिए किया जाता है जो वर्तमान में भारी विमानों के लिए पहुंच योग्य नहीं हैं. 

इस एयरबस की सबसे खास बात यह है कि इसे टेकऑफ करने के लिए 844 मीटर से 934 मीटर लंबाई वाला रनवे चाहिए और उतरने के लिए सिर्फ 420 मीटर का. इसमें छह हार्डप्वाइंट्स होते हैं. यानी हथियार और बचाव प्रणाली लगाने की जगह. दोनों विंग्स के नीचे तीन-तीन या फिर इनबोर्ड पाइलॉन्स हो सकते हैं.

56 विमानों का हुआ है समझौता
जिसमें 800 किलोग्राम के हथियार लगाए जा सकते हैं. स्पेन और भारत के बीच 56 विमान बनाने का समझौता है. पहले 16 विमान स्पेन में बनेंगे. बाकी के 40 को टाटा एडवांस सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) बनाएगी. टाटा वडोदरा में फैक्ट्री बना रहा है. फैक्ट्री 2026 तक बन जाएगी. टाटा ने पिछले साल नवंबर से 40 सी295 विमानों के लिए मेटल कटिंग का काम शुरू कर दिया है.

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