राफेल लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना में ऐसे वक्त में शामिल हुए हैं, जब सीमा पर चीन युद्ध के लिए आतुर है. ऐसे वक्त में राफेल का शामिल होना चीन के लिए एक कड़ा संदेश है. राजनाथ सिंह की मौजदूगी में देश के सबसे पुराने एयरबेस पर सबसे नया लड़ाकू विमान शामिल हुआ है, यहां से राजनाथ ने भी कड़ा संदेश देने को कोशिश की.
अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने यहां कहा, ‘आज पूरी दुनिया राफेल लड़ाकू विमान को भारतीय वायुसेना में शामिल होते हुए देख रही है. ये उन लोगों के लिए करारा जवाब है, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता पर बुरी नजर रखते हैं.
Raksha Mantri Shri @rajnathsingh and the French Minister for the Armed Forces, Ms @florence_parly unveiling Rafale at Ambala Air Force Station. pic.twitter.com/I5926bLqXG
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) September 10, 2020
इस मौके के लिए फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले भी अंबाला पहुंचीं, जहां उनके साथ फ्रांस एयर फोर्स के बड़े अधिकारी मौजूद रहे. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि इन लड़ाकू विमानों के जरिए भारत की वायुसेना को ताकत मिलेगी, साथ ही भारत-फ्रांस की दोस्ती को बल मिलेगा. इतना ही नहीं, उन्होंने भारत के मेक इन इंडिया अभियान के समर्थन का भी ऐलान किया.
इस पूरे कार्यक्रम के बाद दोनों देशों के बीच डेलिगेशन लेवल की बातचीत हुई. यूं तो इसके लिए सिर्फ 45 मिनट का वक्त निर्धारित था, लेकिन ये करीब डेढ़ घंटे तक होती रही. जिसमें दोनों देशों ने अपनी इस दोस्ती को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई.
अंबाला एयरबेस पर राफेल लड़ाकू विमान के आने से गजब का उत्साह है. अब जब नए विमान आ गए हैं तो ये वायुसेना में योगदान देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. और बॉर्डर पर मौजूदा स्थिति को देखते हुए देश की रक्षा करने के लिए भी मुस्तैद हैं.
गौरतलब है कि लद्दाख सीमा पर चीन लगातार घुसपैठ की कोशिश कर रहा है और भारतीय सेना को उकसाना चाह रहा है. ऐसे में भारत चीन की हर चाल को भांपते हुए अपनी ओर से पूरी तैयारी कर रही है. राफेल लड़ाकू विमान को अंबाला में तैनात किया गया है जो पाकिस्तान और चीन बॉर्डर के निकट ही है.