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‘मंत्र-दुआ से लेकर जो बोले सो निहाल के नारे तक’, ऐसे राफेल के लिए हुई सर्वधर्म पूजा

अंबाला एयरबेस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में इन्हें शामिल किया गया. इस दौरान वायुसेना की प्रक्रिया के तहत सभी धर्मों के गुरुओं ने यहां पर पूजा की और विधिवत रूप से राफेल को शामिल किया गया.

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राफेल शामिल होने से पहले हुई सर्वधर्म पूजा
राफेल शामिल होने से पहले हुई सर्वधर्म पूजा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ राफेल विमान
  • सर्वधर्म पूजा की प्रक्रिया के बाद शामिल हुआ राफेल
  • धर्मगुरुओं ने मांगी शांति की दुआ

फ्रांस से आए पांच राफेल लड़ाकू विमान आज औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल हो गए हैं. अंबाला एयरबेस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में इन्हें शामिल किया गया. इस दौरान वायुसेना की प्रक्रिया के तहत सभी धर्मों के गुरुओं ने यहां पर पूजा की और विधिवत रूप से राफेल को शामिल किया गया. इस दौरान धर्मगुरुओं ने शांति की दुआ मांगी, साथ ही देश के जवानों की सलामती की प्रार्थना की.

पूजा की शुरुआत सबसे पहले हिन्दू धर्म के गुरु ने की, जिन्होंने मंत्रोच्चार के साथ प्रक्रिया को आगे बढ़ाया. इसके बाद मुस्लिम धर्मगुरु ने अपनी बात की, यहां दुआ करते हुए उन्होंने कहा कि अल्लाह, हिन्दुस्तान के जवानों को ताकत दे. जवानों के अंदर इतनी शक्ति आए कि दुश्मनों के छक्के छूट जाएं.

मुस्लिम धर्मगुरु ने कहा कि हमारी हुकूमत ने जो राफेल लिया है, उससे दुश्मन हिंदुस्तान की ताकत को जाने. अल्लाह, हमारे प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को ताकत दे. हमारे जवानों में वीर अब्दुल हमीद जैसा हौसला दे.

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साथ ही सिख धर्मगुरु ने वायुसेना की सफलता के लिए अरदास कराई और वायुसेना की ताकत बढ़ाने की दुआ मांगी. अरदास के अंत में सिख धर्मगुरु ने ‘जो बोले सो निहाल’ का जयकारा भी लगवाया. 

अंत में ईसाई धर्मगुरु ने बाइबिल की कुछ पंक्तियां पढ़ीं और कहा कि हम सिर्फ भगवान की मर्जी से आगे बढ़ते हैं और उनके ही आदेशों पर आगे बढ़ते हैं. भगवान ही सर्वोपरि हैं. ईसाई धर्मगुरु ने अपनी प्रार्थना में कहा कि नए हथियारों के साथ सेना की ताकत बढ़े और देश की जीत हो.

आपको बता दें कि सेना में जब भी कोई नया हथियार, वाहन, लड़ाकू विमान या जहाज शामिल होता है, तो इसी तरह सर्वधर्म पूजा की जाती है. भारत को पांच राफेल लड़ाकू विमान मिल चुके हैं, जबकि पांच और विमान अगले महीने तक मिलेंगे. साल 2022 तक सभी 36 लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना में शामिल हो जाएंगे.

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