भारत और चीनी सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख के गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स सीमा क्षेत्र से दो साल बाद हटना शुरू कर दिया है. बीते 8 सितंबर को भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की बैठक के 16वें दौर में बनी सहमति के बाद दोनों देश के सैनिक पीछे हट रहे हैं. भारतीय रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कहा है कि ये सीमावर्ती इलाकों में शांति के लिए अनुकूल है.
दोनों देशों की सेना ने ये फैसला तब लिया है जब अगले सप्ताह उज्बेकिस्तान में होने वाली बैठक में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाग लेने की उम्मीद है. दोनों देशों के बीच सैन्य वार्ता में गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र महत्वपूर्ण बिंदु रहा है. कोर कमांडर स्तर की 16वें दौर की वार्ता के बाद निर्णय लिया गया कि दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटेंगी. भारत-चीन सैन्य वार्ता में भारत ने जल्द से जल्द बाकी क्षेत्रों से भी डिसइंगेजमेंट करने पर जोर दिया था. इसके साथ ही भारत ने देपसांग और डेमचोक में भी विवादित मुद्दों को जल्द निपटाने की बात कही. भारत लगातार मुद्दों को शांति और बातचीत के जरिए हल करने पर जोर दे रहा है.
अप्रैल-मई 2020 में हुई थी विवाद की शुरुआत
बता दें कि भारत और चीन 3,800 किमी लंबी (2,360 मील लंबी) सीमा साझा करते हैं. दोनों देश के सैनिक किसी भी तरह की हथियार का प्रयोग नहीं करते हैं और लंबे समय से इसका पालन किया जा रहा है. पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच विवाद की शुरुआत अप्रैल-मई 2020 में हुई थी. इसके बाद गलवान में 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. चीन को भी इस झड़प में भारी नुकसान पहुंचा था. हालांकि, काफी दिन बाद चीन ने चार सैनिकों के मारे जाने की बात स्वीकार की थी.
सीमाओं पर तैनात किए थे 50-50 हजार सैनिक
इस हिंसक झड़प के बाद से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर दोनों देशों ने जवानों की तैनाती में इजाफा किया. दोनों ओर से करीब 50-50 हजार सैनिक तैनात किए गए. इसके अलावा भारी संख्या में हथियारों की भी तैनाती की गई. हालांकि, कई दौर की बातचीत के बाद पिछले साल दोनों देशों ने पैंगोंग और गोगरा से अपनी सेनाओं को वापस ले लिया.
गोगरा प्वाइंट और हॉटस्प्रिंग्स विवाद
भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर विवाद अप्रैल 2020 में शुरू हुआ था, जब चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की थी. उसके बाद लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के अलग-अलग हिस्सों पर भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने डटी रहीं.
सीमा पर गोगरा और हॉट स्प्रिंग इलाके में पेट्रोलिंग प्वाइंट यानी PP-15 और 17A को लेकर विवाद है. यहां भारत की मांग है कि चीनी सेना पूरी तरह से पीछे हट जाए. लेकिन चीन इस पर अड़ा हुआ था. जुलाई 2020 में ये तय हुआ था कि जवानों को पीछे हटाया जाएगा, लेकिन इसी बीच अगस्त में गलवान घाटी के पास दोनों सेनाओं के बीच झड़प हुई थी. बता दें कि ये दोनों ही इलाके गलवान के पास वाली नदी के पास हैं. चीन का मानना है कि यह क्षेत्र भारत और चीन के बीच की सीमा को चिन्हित करता है. लेकिन भारत के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय सीमा पूर्व की ओर है और इसमें पूरा अक्साई चीन भी शामिल है.