scorecardresearch
 

ऊंचाई पर चीन के साथ टैंक युद्ध को सेना तैयार, एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल के साथ किया युद्धाभ्यास

लद्दाख में चीन के साथ एलएसी पर चल रहे वार्ताओं के बीच, भारतीय सेना ने अपनी रणनैतिक क्षमता को मजबूत करने के लिए पूर्वोत्तर में एक सीरीज युद्धाभ्यास कर रही है. इस अभ्यास में एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) की फील्ड फायरिंग और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में युद्ध क्षमता को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है.

Advertisement
X
सेना का युद्धाभ्यास
सेना का युद्धाभ्यास

भारत और चीन में एलएसी के मुद्दे पर चल रही बातचीत के बीच भारतीय सेना ऊंचाई पर मार करने की प्रैक्टिस कर रही है. इस दौरान ईस्टर्न कमांड द्वारा एंटी-टैंक्स गाइडेड मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. इस मिसाइल का दुश्मनों की टैंक्स को नेस्तनाबूद करने में उपयोग किया जा सकेगा. भारतीय सेना के बख्तरबंद रेजिमेंट और मॅकनाइज्ड इंफैंट्री ने 15,000 फीट की ऊंचाई पर अत्यधिक शक्ति प्रदर्शन कर रही है.

Advertisement

इस अभ्यास का प्रमुख उद्देश्य अत्यधिक ऊंचाई और प्रतिकूल मौसम में दुश्मनों के खिलाफ फायरपावर को बढ़ाना है. भारतीय सेना ने सिक्किम में चीन के टैंकों का मुकाबला करने के लिए युद्धाभ्यास आयोजित किए हैं. पूर्वी कमांड द्वारा एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) की फील्ड फायरिंग भी की गई.

दयह भी पढ़ें: भारत ने बनाया अपना पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम, VSHORADS मिसाइल सिस्टम की सफल टेस्टिंग

टेस्‍टा फील्ड और फायरिंग रेंज में एक सप्ताह तक चलने वाले इस अभ्यास में, सेना और मॅकनाइज्ड यूनिट्स के साथ तालमेल स्थापित करते हुए युद्ध में उनके प्रदर्शन को मजबूत किया जा रहा है.

नाग ATGM भी जल्द ही शामिल होने की उम्मीद

भारतीय सेना फिलहाल सेकेंड जेनरेशन के फ्रांसीसी ATGM मिलान 2T और रूसी कॉन्कुर्स का इस्तेमाल कर रही है, जिनकी 4 किलोमीटर तक की मारक क्षमता है. इनके साथ स्वदेशी नाग ATGM भी जल्द ही शामिल होने जा रहा है, जो DRDO द्वारा विकसित और भरत डायनमिक्स लिमिटेड द्वारा बनाई जा रही है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: एयरो इंडिया शो में दिखी भारत की ताकत, जानें ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम की खासियत

NAMIKA भी दिखाएगा अपना कमाल

नाग मिसाइल 90 प्रतिशत की सटीकता से टारगेट को भेद सकती है और इसे “NAMIKA”  नाग एंटी मिसाइल कैरियर पर लगाया गया है. इनके अलावा, भारतीय सेना अमेरिकी जवेलेट ATGM और "स्ट्राइकर" इन्फैंट्री कॉम्बैट वेहिकल्स की खरीदारी की प्रक्रिया में भी है. जवेलेट, जिनका वजन 22.3 किलोग्राम होता है, इन्फ्रारेड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर किसी भी टैंक या बख्तरबंद वाहन को निशाना बना सकते हैं.

Live TV

TOPICS:
Advertisement
Advertisement