लद्दाख की सीमा पर मई से जारी तनाव जल्द खत्म होता नहीं दिख रहा है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा दिए गए बयान से संकेत है कि भारतीय सेना को सर्दियों में भी सीमा पर सतर्क रहना होगा. ऐसे में अब भारतीय सेना भी लॉन्ग हॉल की तैयारी कर चुकी है. इसी कड़ी में अब भारतीय सेना देपसांग इलाके में पानी की तलाश में है.
चीन के साथ तनाव की वजह से सीमा पर हजारों की संख्या में सैनिक तैनात हैं और पूरी सर्दी ऐसा ही हो सकता है. ऐसे में अब दौलत बेग ओल्डी, देपसांग इलाके में पानी की तलाश की जा रही है. इसके लिए सेना की टीम भू-वैज्ञानिकों के साथ मिलकर ग्राउंड वाटर के रास्ते को खंगालने में लगी है.
सेना की टीम गलवान, देपसांग और दौलत बेग ओल्डी में जमीनी पानी तलाशने में जुटी है. इस मिशन में सेना के साथ भू-वैज्ञानिक डॉ. रितेश आर्या काम कर रहे हैं. उन्होंने हाल ही में दौलत बेग ओल्डी का दौरा किया और अब वापस लेह में हैं.
गौरतलब है कि सेना ने बड़ी संख्या में सीमा पर जवानों की तैनाती की है और अब लॉन्ग हॉल की तैयारी है. यही कारण है कि लगातार राशन को भेजा जा रहा है. इसके अलावा सर्दियों के लिए कपड़े, सर्दियों के लिए टेंट, खाना, सूखा राशन, हथियार और अन्य जरूरी सामान की खेप पहुंचना शुरू हो गई है.
इस मिशन में वायुसेना का C17 ग्लोबमास्टर सेना की मदद कर रहा है ताकि सर्दियों से पहले सभी आपूर्ति को पूरा किया जा सका. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में बयान दिया कि भारतीय सेना बातचीत के साथ मुद्दे को निपटाना चाहती है, लेकिन अगर चीन नहीं मानता है तो हर परिस्थिति के लिए तैयार है.
अगले महीने से इस इलाके में बर्फबारी शुरू हो सकती है, ऐसे में यातायात को लेकर काफी दिक्कतें आती हैं. इसी वजह से सभी आपूर्ति को पूरा किया जा रहा है. भारतीय सेना ने चीन की हलचल को देखते हुए सीमा से सटे इलाकों में बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती की है. अब रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण जगहों पर भी सेना का कब्जा है.