महाराष्ट्र के नासिक स्थित देवलाली फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय सेना (Indian Army) ने सालाना युद्धाभ्यास किया. इसका नाम है एक्सरसाइज तोपची (Exercise TOPCHI). इसमें सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट अपने तोपों, आर्टिलरी और रॉकेट सिस्टम की ताकत और मारक क्षमता का प्रदर्शन करती है. गोले दागे जाते हैं. रॉकेट लॉन्च किए जाते हैं. इस दौरान ट्रेनिंग भी होती है और कॉर्डिनेशन पर ध्यान दिया जाता है. आर्मी ट्रेनिंग कमांड ने अपने ट्वीट में जो वीडियो दिखाया है, उसे देखकर भारतीय सेना की ताकत का पता चलता है. आप भी नीचे दिए गए उस ट्वीट में लगे वीडियो को देखिए.
ट्रेनिंग एक्सरसाइज तोपची को हर साल स्कूल ऑफ आर्टिलरी करवाता है. इस बार तोपची का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल एस. हरिमोहन अय्यर, एवीएसएम कर रहे हैं. तोपची में सिर्फ तोपें ही नहीं गरजती बल्कि यहां पर मोर्टार, रॉकेट्स, ड्रोन्स और अन्य एविएशन एसेट्स की क्षमताओं का भी प्रदर्शन होता है. इस बार ज्यादा फोकस स्वदेशी हथियारों की क्षमता को देखना था. इस बार तोपची में के-9 वज्र, धनुष, इंडियन फील्ड गन, लाइट फील्ड गन और पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर्स ने अपनी दहाड़ सुनाई है.
#ExTOPCHI#SchoolofArtillery showcased destructive might of Artillery Firepower in annual firepower Exercise at #DevlaliFieldFiringRanges#FirepowerDemonstration#ARTRAC@adgpi pic.twitter.com/0R3PiJOcZy
— Army Training Command,Indian Army (@artrac_ia) January 29, 2023
वेलिंग्टन के डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज, पुणे स्थित डिफेंस सर्विसेज टेक्निकल स्टाफ कोर्स और नेपाल आर्मी कमांड एंड स्टाफ कॉलेज के स्टूडेंट्स और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने तोपची अभ्यास को देखा. सेना के मुताबिक एक्सरसाइज तोपची में गनर्स और इंटीग्रेटेड सर्विलांस सिस्टम के कॉर्डिनेशन को बारीकी से परखा जाता है. अब जानते हैं कि इस अभ्यास में जो हथियार दिखाए गए. जिन्होंने अपनी दहाड़ सुनाई... उनकी ताकत क्या है.
के-9 वज्र टैंक
155 मिलीमीटर की सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी है के9-वज्र टी. ऐसे 100 तोप भारतीय सेना में तैनात हैं. इसके अलावा 200 तोप और आ सकते हैं. असल में इसे दक्षिण कोरिया बनाता है. लेकिन भारत में इसे देश की परिस्थितियों के हिसाब से बदल दिया गया. यह काम स्वदेशी कंपनी ही कर रही है. इसके गोले की रेंज 18 से 54 किलोमीटर तक है. मतलब इतनी दूर बैठा दुश्मन बच नहीं सकता. इसका उपयोग अभी चीन के साथ हुए संघर्ष के दौरान भी किया गया था. इसमें 48 राउंड गोले स्टोर होते हैं. ऑपरेशनल रेंज 360 किलोमीटर और अधिकतम कति 67 किलोमीटर प्रतिघंटा है.
धनुष हॉवित्जर
155 mm/45 कैलिबर टोड हॉवित्जर धनुष को साल 2019 में भारतीय सेना में शामिल किया गया है. यह बोफोर्स तोप का स्वदेशी वर्जन है. फिलहाल सेना के पास 12 धनुष है. 114 का ऑर्डर गया हुआ है. जिनकी संख्या अंत तक बढ़ाकर 414 की जा सकती है. अब तक 84 बनाए जा चुके हैं. इसे चलाने के लिए 6 से 8 क्रू की जरूरत होती है. इसके गोले की रेंज 38 किलोमीटर है. बर्स्ट मोड में यह 15 सेकेंड में तीन राउंड दागता है. इंटेंस मोड में 3 मिनट में 15 राउंड और संस्टेंड मोड में 60 मिनट में 60 राउंड. यानी जरूरत के हिसाब से दुश्मन के छक्के छुड़ा सकता है.
इंडियन फील्ड गन
भारतीय सेना के पास 1700 ऐसे तोप हैं. फिलहाल इन्हें अपग्रेड किया जा रहा है. इनकी रेंज को बढ़ाकर 30 किलोमीटर किया जा रहा है. जो अभी 17 से 20 किलोमीटर है. इसके गोले की गति 475 मीटर प्रति सेकेंड है. इसका कम वजन इसे कहीं भी ले जाने में मदद करता है. पूरी तरह से देश में बने इस तोप ने कई लड़ाइयों में मदद की है. भारत ने म्यांमार को भी ये गन आंतकियों से लड़ने के लिए दी थी.
एटीएजीएस
155 mm की यह गन भारतीय सेना के पास फिलहाल 7 हैं. साल 2016 में इसका पहला परीक्षण हुआ था. 40 तोपों का ऑर्डर किया हुआ है. इसके अलावा 150 और तोप बनाए जाएंगे. इसे चलाने के लिए 6 से 8 लोगों की जरूरत पड़ती है. बर्स्ट मोड में 15 सेकेंड में 3 राउंड, इंटेस में 3 मिनट में 15 राउंड और 60 मिनट में 60 राउंड फायर करता है. इसकी फायरिंग रेंज 48 किलोमीटर है. लेकिन इसे बढ़ाकर 52 करने का प्रयास किया जा रहा है.
पिनाका रॉकेट सिस्टम
पिनाका एमके-1 (एनहैंस्ड) रॉकेट सिस्टम का नाम भगवान शिव के धनुष 'पिनाक' के नाम पर रखा गया है. पिनाका रॉकेट सिस्टम 44 सेकेंड में 12 रॉकेट लॉन्च करती है. यानी करीब हर 4 सेकेंड में एक रॉकेट छूटता है. 214 कैलिबर के इस लॉन्चर से एक के बाद एक 12 पिनाका रॉकेट दागे जाते हैं. यानी दुश्मन के ठिकाने को कब्रिस्तान में बदलने के लिए ये सबसे बेहतरीन हथियार है. रॉकेट लॉन्चर की रेंज 7 KM के नजदीकी टारगेट से लेकर 90 KM दूर बैठे दुश्मन को नेस्तानाबूत कर सकता है.
रॉकेट लॉन्चर के तीन वैरिएंट्स हैं. MK-1 ये 45 KM, MK-2 लॉन्चर से 90 KM और MK-3 (निर्माणाधीन) लॉन्चर से 120 KM तक हमला कर सकते हैं. इस लॉन्चर की लंबाई 16 फीट 3 इंच से लेकर 23 फीट 7 इंच तक है. इसका व्यास 8.4 इंच है. इस लॉन्चर से छोड़े जाने वाले पिनाका रॉकेट के ऊपर हाई एक्सप्लोसिव फ्रैगमेंटेशन (HMX), क्लस्टर बम, एंटी-पर्सनल, एंटी-टैंक और बारूदी सुरंग उड़ाने वाले हथियार लगाए जा सकते हैं. यह रॉकेट 100 KM तक के वजन के हथियार उठाने में सक्षम हैं.
पिनाका रॉकेट की स्पीड 5757.70 KM/Hr है. यानी एक सेकेंड में 1.61 KM की गति से हमला करता है. पिनाका रेजीमेंट को सैन्य बलों की संचालन तैयारियां बढ़ाने को चीन और पाकिस्तान की सीमा के साथ तैनात किया जाएगा. बीईएमएल ऐसे वाहनों की आपूर्ति करेगी जिस पर रॉकेट लॉन्चर को रखा जाएगा.