रामेश्वरम के भारतीय मछुआरों ने आरोप लगाया है कि श्रीलंकाई नौसेना ने आज तड़के उनकी नाव पर हमला किया. आरोप है कि एक नाव में सवार चार मछुआरे आज सुबह भारतीय समुद्री सीमा क्षेत्र में मछली मार रहे थे कि अचानक श्रीलंकाई नौसेना ने उनकी नाव पर हमला कर दिया.
मछुआरों ने कहा कि हालात ऐसे हुए कि वे समुद्र के बीच में अपने जीवन के लिए लड़ रहे थे. बाद में उनके साथी मछुआरों ने अन्य नावों की मदद से उन्हें बचाया और वापस किनारे पर लेकर आए. साथ में उन्होंने ये भी आरोप लगाया है कि भारतीय कोस्टगार्ड भारतीय सीमा में मछली पकड़ने वाले मछुआरों को सुरक्षा मुहैया नहीं कराते हैं.
उन्होंने कहा कि सबसे पहले श्रीलंकाई गश्ती नौका देशी नाव से टकराई. इसके बाद उधर से दावा किया गया कि मछुआरे श्रीलंकाई जलक्षेत्र में सीमा पार कर गए हैं. टाकराव से नाव के आगे का हिस्सा टूटकर दो भागों में हो गया और चारों मछुआरे गिरफ्तार किए जाने के डर से बीच समुद्र में कूदकर भाग निकले. मछुआरों ने यह भी कहा कि श्रीलंकाई नौसेना ने उन्हें उस क्षेत्र में दोबारा मछली पकड़ने आने से मना किया है.
श्रीलंकाई नौसेना के कथित हमले के कारण, भारतीय मछुआरों ने अपनी नाव और लगभग दो लाख रुपये के मछली पकड़ने के गियर खो दिए. किनारे से एक और नाव को मदद के लिए बुलाया गया तब जाकर समुद्र के बीच में फंसे मछुआरे बच सके. मछुआरों ने यह भी आरोप लगाया कि हमला समुद्र के भारतीय हिस्से में हुआ था.
गौरतलब है कि इसी माह 17 नवंबर को श्रीलंकाई नौसेना द्वारा कथित तौर पर हमले के बाद एक भारतीय मछुआरे की आंख में चोट लग गई थी. श्रीलंकाई नौसेना ने कथित समुद्री सीमा उल्लंघन के लिए 14 मछुआरों को भी गिरफ्तार कर लिया था. उन्होंने कहा कि घायल मछुआरे की पहचान रामेश्वरम के जॉनसन के रूप में हुई है और जब श्रीलंकाई नौसैनिकों ने उस पर हमला किया तो उसकी आंख में चोट लग गई थी. इसके अलावा, नागापट्टिनम जिले के 14 मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना द्वारा पकड़ा गया और उनकी नाव को जब्त कर लिया गया था. मछुआरों के प्रतिनिधियों ने कहा कि दोनों घटनाओं ने मछुआरों के बीच काफी डर पैदा कर दिया है. बता दें कि इसी साल अप्रैल में श्रीलंका की नेवी ने 12 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया था.