भारत का स्वदेशी एयरक्राफ्ट आईएसी विक्रांत (IAC Vikrant) जल्द ही सेना के बेड़ा में शामिल होगा. इसके ट्रायल के लिए तैयारियां जोरो-शोरों पर जारी है. नौसेना अधिकारी ने कहा कि भारत के स्वदेशी विमान आईएसी विक्रांत को समुद्री परीक्षणों के लिए रवाना किया है. अब विभिन्न परिस्थितियों में जहाज के प्रदर्शन के विशिष्ट रीडिंग को स्थापित करके युद्धाभ्यास में इसे कैसे शामिल किया जा सकता है इसकी जानकारी ली जाएगी.
पिछले साल अगस्त में आईएसी विक्रांत का पहला परीक्षण किया गया था, इसमें समुद्री परीक्षण प्रणोदन, नौवहन सूट और बुनियादी संचालन कैसे स्थापित किया जा सकता है इसका ट्रायल किया गया. बाद में अक्टूबर-नवंबर में दूसरे समुद्री परीक्षण में जहाज का मशीनरी ट्रायल और उड़ान का टेस्ट किया गया था. आईएसी अब भारतीय नौसेना के वैज्ञानिकों के पास जाएगा और तकनीकी प्रयोगशाला, विशाखापत्तनम स्थित एक डीआरडीओ प्रयोगशाला में इसका ट्रायल किया जाएगा. इसके अलावा, जहाज के विभिन्न सेंसर सूट का भी परीक्षण किया जाएगा.
भारतीय नौसेना स्वदेशी एयरक्राफ्ट (आईएसी) विक्रांत के लिए लड़ाकू विमानों का एक बेड़ा खरीदने की योजना बना रही है, जिसके अगस्त में सेवा में शामिल होने की संभावना है. अगर अगस्त तक सेना आईएसी विक्रांत को अपने युद्धपोतों में शामिल करती है तो भारत उन चुनिंदा 7 देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा, जिनके पास विमान वाहक के डिजाइन और निर्माण की विशिष्ट क्षमताएं हैं. इस लिस्ट में अमेरिका, यूके, फ्रांस, रूस, इटली और चीन का नाम पहले से शामिल है.
इससे पहले भारतीय नौसेना ने एयरक्राफ्ट अमेरिका और रूस से खरीदे हैं. भारतीय नौसेना के अधिकारियों का कहना है कि यह जहाज अपनी पहली ही उड़ान से बुनियादी उड़ान संचालन करने में सक्षम है, यह भारतीय एयरक्राफ्ट निर्माण के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा.
क्या है आईएसी विक्रांत की खूबी?
स्वदेशी एयरक्राफ्ट आईएसी विक्रांत 262 मीटर लंबा, 62 मीटर चौड़ा और 30 मीटर गहरा है. इसको खास तौर पर एक डेक के डिजाइन में बनाया गया है. जहाज में 1700 कर्मियों के लिए खास तौर पर डिजाइन किया गया है. आईएसी विक्रांत में 2,300 से भी ज्यादा कंपार्टमेंट बनाए गए हैं, जिसमें महिला अधिकारियों के लिए विशेष केबिन भी बनाए गए हैं.