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समुद्री लुटेरों को पकड़कर मुंबई पहुंची इंडियन नेवी... एक मिलियन डॉलर का माल ले जा रहे जहाज को कर लिया था अगवा

भारतीय नौसेना ने 40 घंटों के ऑपरेशन के बाद मालवाहक जहाज MV Ruen को बचा लिया और समुद्री लुटेरों को पकड़ लिया. इन लुटेरों को लेकर नेवी मुंबई पहुंची है. यहां इन्हें मुंबई पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा. नौसेना ने मार्कोस कंमाडोज उतारकर बीच समंदर में 35 सोमालियाई डकैतों को सरेंडर करने पर मजबूर कर दिया था.

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सोमालियाई लुटेरों को पकड़कर मुंबई पहुंची भारतीय नौसेना.
सोमालियाई लुटेरों को पकड़कर मुंबई पहुंची भारतीय नौसेना.

सोमालियाई लुटेरों ने बीते साल 14 दिसंबर को मालवाहक जहाज MV Ruen का अपहरण कर लिया था. बीते शनिवार को भारतीय नौसेना के आईएनएस कोलकाता ने बचाव ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. 40 घंटों के ऑपरेशन के बाद पकड़े गए समुद्री लुटेरों को लेकर भारतीय नौसेना मुंबई पहुंची है. बता दें कि एमवी रुएन अपने 17 चालक दल जिसमें (सात बुल्गारिया से, एक मंगोलिया से और नौ म्यांमार से) और करीब 37800 टन कार्गो के साथ सफर पर था, जिसकी कीमत करीब एक मिलियन डॉलर है.

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समुद्री लुटेरों ने शिप को उस पर सवार सभी 17 लोगों को बंधक बनाकर कब्जे में कर लिया था. यह लुटेरे शिप को मदर शिप के रूप में उपयोग कर रहे थे. इस घटना को लेकर भारतीय नौसेना से मदद मांगी गई.

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समुद्री लुटेरों को पकड़कर मुंबई पहुंची इंडियन नेवी... एक मिलियन डॉलर का माल ले जा रहे जहाज को कर लिया था अगवा

भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने भारतीय तट से करीब 1400 नॉटिकल माइल यानी 2600 किलोमीटर दूर अगवा हुए शिप को पहले लोकेट किया. इसके बाद आईएनएस सुभद्रा, हेल आरपीए (High Altitude Long Endurance, HALE RPA), पी8आई समुद्री गश्ती विमान और मार्कोस -प्रहार को सी-17 विमान से पैरा ड्रॉप करवाकर ऑपरेशन को अंजाम दिया.

समुद्री लुटेरों को पकड़कर मुंबई पहुंची इंडियन नेवी... एक मिलियन डॉलर का माल ले जा रहे जहाज को कर लिया था अगवा

15 मार्च को हुई थी ऑपरेशन की शुरुआत

इस ऑपरेशन की शुरुआत 15 मार्च की सुबह हुई. अगवा हुए शिप की निगरानी ड्रोन के सहारे की गई. लुटेरों को सरेंडर करने को कहा गया, लेकिन इसी बीच समुद्री लुटेरों ने ड्रोन पर फायरिंग कर दी थी. स्थिति को देखते हुए नौसेना ने तुरंत ऑपरेशन में मार्कोस कमांडो को शिप पर सी 17 विमान से पैराशूट की मदद से एयर ड्रॉप किया. नौसेना के कमांडोज को देख सभी 35 लुटेरों ने सरेंडर कर दिया. 

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इसके बाद नौसेना ने पूरे शिप की बारीकी से जांच की. इसमें नौसेना को कई हथियार, नशीली दवाएं और अन्य प्रतिबंधित चीजें मिलीं. करीब 40 घंटे चले इस ऑपरेशन में नौसेना ने एमवी रुएन के सभी 17 चालक दल सदस्यों को सफलतापूर्वक बचाया, साथ ही सभी 35 सोमालियाई समुद्री लुटेरों को सरेंडर करने के लिए मजबूर कर दिया.

समुद्री लुटेरों को पकड़कर मुंबई पहुंची इंडियन नेवी... एक मिलियन डॉलर का माल ले जा रहे जहाज को कर लिया था अगवा

समुद्री डकैती-रोधी अधिनियम 2022 के मुताबिक, आगे की कार्रवाई के लिए समुद्री लुटेरों को आज मुंबई पुलिस के हवाले किया गया, जो अब आईपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई करते हुए आरोपियों को कोर्ट में पेश कर डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू करेगी.

बता दें कि भारतीय नौसेना साल 2008 से 'ऑपरेशन संकल्प’ के तहत अपने जहाजों को अरब सागर और अदन की खाड़ी में तैनात किए हुए है, ताकि उस क्षेत्र से गुजरने वाले नाविकों और मालवाहक पोतों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

समुद्री लुटेरों को पकड़कर मुंबई पहुंची इंडियन नेवी... एक मिलियन डॉलर का माल ले जा रहे जहाज को कर लिया था अगवा

आईएनएस कोलकाता भारतीय नौसेना के कोलकाता श्रेणी के स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक का प्रमुख जहाज है. इसका नाम भारतीय शहर कोलकाता (पूर्व में कलकत्ता) के नाम पर रखा गया था. इसका निर्माण मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) में किया गया था. समुद्री परीक्षण पूरा करने के बाद 10 जुलाई 2014 को इसे नौसेना को सौंप दिया गया था. जहाज को आधिकारिक तौर पर 16 अगस्त 2014 को आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कमीशन किया गया था.

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