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अब मर्चेंट नेवी में हो पाएगा भारतीय नौसैनिकों का ट्रांसफर, हुआ समझौता

भारतीय नौसेना के ट्रेंड कर्मियों को मिलेगा मर्चेंट नेवी में काम करने का मौका. ट्रेनिंग और ब्रिजिंग कोर्स भी कराए जाएंगे. सर्टिफिकेट के बाद सामान्य सीनियर और तकनीकी पदों पर पोस्टिंग मिलेगी.

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भारतीय नौसेना और नौवहन महानिदेशालय के स्थानांतरण समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए. (फोटोः PIB)
भारतीय नौसेना और नौवहन महानिदेशालय के स्थानांतरण समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए. (फोटोः PIB)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारतीय नौसेना और शिपिंग महानिदेशालय में MOU
  • सेवारत और रिटायर्ड दोनों नौसैनिक कर सकेंगे काम

अब भारतीय नौसेना के कर्मचारी मर्चेंट नेवी में ट्रांसफर हो सकेंगे. इसके लिए भारतीय नौसेना (Indian Navy) और नौवहन महानिदेशालय (Directorate General of Shipping) के बीच समझौता हुआ है. 20 जून 2022 को हुए MOU के तहत नेवी के सेवारत और रिटायर्ड कर्मचारी मर्चेंट नेवी में काम कर सकेंगे. 

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नौवहन महानिदेशालय ने अंतरराष्ट्रीय एसटीसीडब्ल्यू (नाविकों के लिए प्रशिक्षण, प्रमाणन और निगरानी के मानक) परंपरा के अनुसार भारतीय नौसेना कर्मियों के प्रमाणीकरण करेगा. यह समझौता नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) सहित समुद्री क्षेत्र पर भारत सरकार के कुशल और प्रशिक्षित कर्मचारियों का बेहतर उपयोग हो पाएगा. 

इस बदलाव को प्रभावी करने के लिए डीजी शिपिंग द्वारा 2022 के डीजीएस आदेश 17 के माध्यम से जारी की गई है. यह आदेश नौसेना समुद्री सेवा और भारतीय नौसेना (आईएन) कर्मियों द्वारा दिए गए उन्नत प्रशिक्षण को विधिवत स्वीकार करता है जिसमें समुद्री के साथ ही तकनीकी, दोनों क्षेत्र में इंडियन नेवी के लगभग सभी अधिकारियों और नाविकों के कैडर शामिल हैं. 

इस योजना से नौसेना कर्मियों को जरूरी ब्रिजिंग पाठ्यक्रमों और परीक्षाओं से गुजरना होगा. इसके बाद और कुछ मामलों में एसटीसीडब्ल्यू प्रावधानों के तहत अनिवार्य न्यूनतम व्यापारी जहाज समुद्री सेवा पूरी करने पर प्रमाण पत्र मिलेगा. यह इंडियन नेवी के कर्मियों को भारत में और साथ ही दुनिया भर में शिपिंग कंपनियों में मर्चेंट जहाजों पर विभिन्न पदनामों के लिए सहज स्थानांतरण में मदद करेगा. 

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इस स्थानांतरण योजना में कई प्रावधान हैं जो मर्चेंट नेवी में शीर्ष रैंक तक भी नौसेना कर्मियों को सीधे बिठाने की पेशकश करते हैं. नौसेना में पर्याप्त अनुभव वाले आईएन कर्मी अब समुद्री क्षेत्र में असीमित टन भार के साथ विदेश जाने वाले जहाजों पर सीधे प्रमुख के रूप में और इंजीनियरिंग क्षेत्र में मुख्य अभियंता के पद तक शामिल हो सकेंगे.

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