इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में शुक्रवार को 'लैंग्वेज ऑफ लग्जरी: द इंडिया थ्रेड' विषय पर चर्चा करने के लिए पेरनोड रिकार्ड इंडिया के सीईओ जीन टूबौल ने शिरकत की. उनके साथ डिजाइनर राहुल मिश्रा और कामा आयुर्वेद के सह संस्थापक और सीईओ विवेक साहनी भी मौजूद रहे. इस दौरान तीनों ने कहा कि दुनिया भर में भारत और उसके प्रोडक्ट की साख तेजी से बढ़ रही है. भारतीय सामानों को दुनिया भर के लोग पसंद कर रहे हैं और ये हमारे लिए अच्छा समय है.
इस दौरान डिजाइनर राहुल मिश्रा ने कहा कि जब आप फैंसी कपड़ों के डिजाइन के बारे में सोचते हैं और एक अच्छा प्रोडक्ट बनाते हैं तो इसके लिए सबसे जरूरी है कि आप अपने प्रोडक्ट पर कितना टाइम देते हैं. आप कितने इंट्रेस्ट से अपने काम को करते हैं. उन्होंने कहा कि मैं लकी हूं कि भारत में हूं. इस वक्त भारतीय डिजाइन की दुनिया के कई देशों में धमक है.
इस दौरान राहुल ने कहा कि डिजाइनिंग की दुनिया में एआई टूल जरूरी है लेकिन उससे भी जरूरी है आर्ट. उन्होंने कहा कि हैंड मेड का मतलब सिर्फ हैंड मेड होना चाहिए. आजकल हैंड मेड 10 फीसदी होता है लेकिन उसका प्रचार ज्यादा होता है. ये गलत है. आपको हैंड मेड के नाम पर सिर्फ हैंड मेड देना चाहिए. इससे रोजगार भी बढ़ेगा और सामानों की अहमियत भी बढ़ेगी.
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वहीं, विवेक साहनी ने कहा कि आयुर्वेद पारंपरिक आइडिया है जो विदेशों में काफी पसंद किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद लंबे समय से टेस्टेड और विश्वसनीय आधार रहा है. इसी वजह से इसके प्रोडक्ट पर लोग भरोसा करते हैं और इसके प्रोडक्ट के रिजल्ट भी शानदार है. उन्होंने कहा कि साइंस ने आयुर्वेद का लोहा माना है. हम अपने प्रोडक्ट पर लंबी रिसर्च करते हैं और उसे ग्राहकों के लिए सहज बनाते हैं. आज दुनिया भर में आयुर्वेद से जुड़े प्रोडक्ट पसंद किए जा रहे हैं.
वहीं, पेरनोड रिकार्ड इंडिया के सीईओ जीन टूबौल ने कहा कि हमने लीकर को लेकर एक लंबा सफर तय किया है. काफी समय इस फील्ड में दिया है. इनोवेशन इसकी सफलता का राज है. आज दुनिया में लोग भारत के टेस्ट को पसंद करते हैं. हम इसको और सफल बनाने के लिए काम कर रहे हैं. वहीं, लीकर को लेकर रेगुलेशन पर उन्होंने कहा कि हर देश में हमें इससे जूझना पड़ता है. लेकिन ये हमारे पेशे का हिस्सा है. हम इसको लेकर ही आगे बढ़ते हैं.