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Indian Railway: वंदे भारत ट्रेनों में हाईटेक AC सिस्टम, सेहत का ख्याल रखेगी रेलवे की ये तकनीक!

Indian Railway News: यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने वंदे भारत एक्सप्रेस में हवा को फिल्टर करने के लिए कैटेलिटिक अल्ट्रा वायलेट एयर प्यूरिफिकेशन सिस्टम स्थापित किया है. फिलहाल शुरुआती दौर में ये पायलट प्रोजेक्ट रहेगा, उसके बाद करीब 400 वंदे भारत ट्रेन में इस सिस्टम को स्थापित किया जाएगा.

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Ultra violet air purification system is installed installed in new vande bharat train
Ultra violet air purification system is installed installed in new vande bharat train

Indian Railway News: रेलवे यात्रियों को दी जा रही सुविधाओं को लगातार अपग्रेड कर रहा है. ट्रेनों को नए-नए आधुनिक और हाईटेक तकनीकों से लैस किया जा रहा है. अब यात्रियों की सेहत को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने वंदे भारत एक्सप्रेस में हवा को फिल्टर करने के लिए कैटेलिटिक अल्ट्रा वायलेट वायु शोधन प्रणाली स्थापित की है.

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हवा को फिल्टर करने के लिए लगाए जाएंगे ये सिस्टम

सेंट्रल साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स ऑर्गनाइजेशन (सीएसआईओ), चंडीगढ़ की सिफारिश के अनुसार, इस सिस्टम को एसी के दोनों सिरों में स्थापित किया गया है. इसका उपयोग कीटाणुओं, बैक्टीरिया, वायरस से हवा को फिल्टर कर सकें.

इस तरह ये सिस्टम करेगा काम

सिस्टम में फिल्टर के सामने टाइटेनियम डाइऑक्साइड के साथ ट्यूबों में संलग्न 2 यूवीसी लैंप शामिल हैं. इसके माध्यम से हवा एसी कोच में प्रवेश करती है. फोटो कैटेलिटिक एयर प्यूरीफायर में 30W UV लैंप, 254nm शामिल है. यह अल्ट्रा वायलेट किरणों का उत्पन्न करता है. जब UV लाइट्स टाइटेनियम की रॉड पर जब रोशनी डालती है तो एयर प्यूरीफायर बन जाता है, यानी हवा में जितने भी विषाणु होंगे सब नष्ट हो जाएंगे. 

Railway Air Purification system

अभी वंदे भारत ट्रेन में लगाया जाएगा ये सिस्टम

अभी रेलवे इसे वंदे भारत में प्रयोग करेगा, लेकिन आने वाले दिनों में अन्य ट्रेनों में इसके इस्तमाल की पहल की जाएगी शुरुआती दौर ने ये पायलट प्रोजेक्ट रहेगा उसके बाद करीब 400 वंदे भारत ट्रेन में इस प्रोजेक्ट को जोड़ा जाएगा.

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यात्रियों के लिए सफर हो जाएगा टेंशन फ्री

रेलवे की माने तो कोरोना के इस दौर में रेलवे में सफर कर वाले यात्रियों के लिए ये सफर टेंशन फ्री हों जाएगा. हालांकि, अभी कोच की सफाई के दौरान uv tecnology का प्रयोग रेलवे पिछले 2 साल से कर रहा है, लेकिन इस तरह की नई मशीन एसी के जरिए काम करे ये अपने आप ने नायाब है.

 

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