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Indian Railway: फायर अलार्म सिस्टम से लैस हुए 219 रेलवे स्टेशन, जानें यह कैसे करता है काम

West Central Railway: पश्चिम मध्य रेल ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए रेलवे स्टेशनों पर फायर अलार्म सिस्टम की उचित व्यवस्था लगाकर महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. पश्चिम मध्य रेल के लगभग सभी मंडलों के रेलवे स्टेशनों पर अब फायर अलार्म सिस्टम उपलब्ध है.

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western central railway fire alarm system
western central railway fire alarm system
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 219 रेलवे स्टेशन फायर अलार्म सिस्टम से लैस किए गए
  • आग लगने से कई बार रेल संचालन में होती थीं दिक्कतें

Indian Railway fire alarm system: कई बार रेलवे स्टेशनों पर आग लगने की वजह से रेल संचालन में दिक्कत आती है. ऐसे में भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने अपने स्टेशनों को फायर सेफ्टी के लिहाज से हर तरह से मजबूत करना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में पश्चिम मध्य रेल (West Central Railway) ने अपने तीनों मंडलों के 219 रेलवे स्टेशनों पर फायर अलार्म सिस्टम की सुविधा उपलब्ध कराई है. 

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पश्चिम मध्य रेल ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए रेलवे स्टेशनों पर फायर अलार्म सिस्टम की उचित व्यवस्था लगाकर महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. पश्चिम मध्य रेल के लगभग सभी मंडलों के रेलवे स्टेशनों पर अब फायर अलार्म सिस्टम उपलब्ध है.जिससे रेल संचालन सुरक्षित और संरक्षित तरीके से हो सके. जिसके तहत पश्चिम मध्य रेल में तीनों मंडलों के 219 रेलवे स्टेशनों पर फायर अलार्म सिस्टम उपलब्ध कराया गया है.

इसके अंतर्गत आने वाले जबलपुर मंडल के 57 रेलवे स्टेशनों, भोपाल मंडल के 72 रेलवे स्टेशनों एवं कोटा मंडल के 90 रेलवे स्टेशनों पर फायर अलार्म सिस्टम लगाया गया है. कोटा मंडल के 92 रेलवे स्टेशनों में से 90 रेलवे स्टेशनों पर फायर अलार्म सिस्टम लगाया गया है.

दरअसल, स्टेशन के संचालन का ब्रेन जो कि रिले रूम कहलाता है, उसे सुरक्षित रखना काफी जरूरी होता है. ऐसे में स्टेशनों के संचालन की सभी गतिविधियों को सुरक्षित रूप से चलाने के लिए इस फायर अलार्म सिस्टम को खासतौर पर रिले रुम में लगाया जाता है. जिसका की डिसप्ले बोर्ड स्टेशन मास्टर के रूम में लगा रहता है.
            
आइए जानते हैं फायर अलार्म सिस्टम की खासियत और कैसे करता है काम

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  1. गर्मियों में 58 डिग्री सेल्सियस से ऊपर का तापमान और तापमान की वृद्धि दर (6 डिग्री सेल्सियस से 11 डिग्री सेल्सियस के बीच) का पता लगाने के लिए लीनियर हीट सेंसिंग केबल्स का इस्तेमाल किया जाता है.
  2. फ़ोटो इलेक्ट्रॉनिक तकनीक द्वारा स्मोक के धुएं का पता लगता है.
  3. यदि गर्मी बढ़ जाती है तो यह रिले रूम, आईपीएस रूम और स्टेशन मास्टर रूम में ऑडियो अलार्म बजर प्रदान किया गया है. जिससे तुरंत कार्यवाही करते हुए रिले रूम में आग फैलने से रोका जा सके.
  4. सेंसर/डिटेक्टर से 10 सेकेंड से कम समय में अलार्म जनरेशन पर प्रतिक्रिया का पता चलता है.
  5. कंट्रोल पैनल में सेंसर/ डिटेक्टर से सिग्नल पढ़ने के लिए ऑडियो/ विजुअल देने के लिए अलार्म पैनल इनबिल्ट अलार्म साउंड 105 डीबी से ज्यादा है.

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