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Indian Railways: दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लगने जा रहा झटका? रेलवे ने दिया ये जवाब

Indian Railways: कई जगह ये दावा किया जा रहा है कि रेलवे बोर्ड ने दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड कॉरिडोर की फिजिबिलिटी रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. हालांकि, रेल मंत्रालय ने इस दावे पर जवाब देते हुए कहा कि ऐसा नहीं है. रेलवे ने दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड कॉरिडोर की फिजिबिलिटी रिपोर्ट को खारज करने की बात का खंडन किया है. यहां पढ़िए रेलवे ने क्या दिया अपडेट.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

Indian Railways: रेल मंत्रालय ने दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन परियोजना की फिजिबिलिटी रिपोर्ट खारिज किए जाने की खबरों से इनकार कर दिया. रेल मंत्रालय ने कहा कि डीपीआर पर विचार अब भी जारी है. मंत्रालय की ओर से कहा गया कि दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल की डीपीआर पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है. रेल मंत्रालय को परियोजना की डीपीआर से कोई दिक्कत नहीं है.

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इसको लेकर रेल मंत्रालय ने पीआईबी फैक्ट चेक के एक ट्वीट को भी रि-ट्वीट किया है. अखबार की इस कटिंग में कहा गया था कि दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. पीआईबी फैक्ट चेक ने इस खबर को खारिज कर दिया है.

रेल मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया कि नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने परियोजना से संबंधित डीपीआर को अंतिम रूप दे दिया है और इसे रेलवे बोर्ड को सौंप दिया है. अब रेलवे बोर्ड इस डीपीआर पर विचार कर रहा है. प्रस्ताव के तहत बुलेट ट्रेन के लिए कॉरिडोर को ग्रेटर नोएडा, आगरा, लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी से होकर गुजरना है.  

पीटीआई के अनुसार, साथ ही, मंत्रालय की ओर से ये कहा गया कि डीपीआर पर चर्चा के लिए प्रधान कार्यकारी निदेशक (बुनियादी ढांचा) आर एन सिंह और एनएचएसआरसीएल के अधिकारियों के बीच कोई बैठक नहीं हुई. हालांकि, सूत्रों की मानें तो बैठक हुई है और दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल परियोजना की फिजिबिलिटी रिपोर्ट पर चर्चा की गई. इस बैठक में मार्ग पर कई मोड़ होने का हवाला देते हुए परियोजना पर चिंता जताई गई. 

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सूत्रों ने बताया कि फिजिबिलिटी रिपोर्ट में प्रस्तावित किया गया है कि कॉरिडोर को राष्ट्रीय राजमार्ग -2 के साथ बनाया जाए. इससे सस्ती दर पर जमीन के अधिग्रहण में मदद मिलेगी और निर्माण लागत कम होगी. हालांकि, राष्ट्रीय राजमार्ग-दो पर दिल्ली और वाराणसी के बीच कई जगहों पर घुमावदार मार्ग हैं. इससे ट्रेन के लिए 350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलना बेहद खतरनाक हो सकता है. 

रेल मंत्रालय ने कहा कि चूंकि परियोजना को मंजूरी दी जानी बाकी है और विस्तृत रिपोर्ट को मंजूरी दी जानी बाकी है, इसलिए रेलवे डीपीआर से संबंधित सवालों का जवाब नहीं दे सकता. 

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