
Indian Railway News, Steam Engine: रेलवे के इतिहास को समझना है तो आपको इसको इंजनों की कहानी जाननी होगी. दिल्ली स्थित रेल भवन पर आपने ऐतिहासिक रेल इंजन देखा होगा, फिलहाल अब आम जनता को इसके 107 साल पुराने इतिहास को समझने के लिए इसको यहां से हटा कर रेल संग्रहालय भेज दिया गया. वहीं, अब रेल भवन में इस इंजन के स्थान पर नई सदी के हाई स्पीड रेल के इंजन की प्रतिकृति को लगाया जाएगा.
रेल भवन की पहचान यह इंजन अब रेल संग्रहालय की शोभा बढ़ाएगा. बदलते वक्त की कहानी अब इस इंजन के जरिए लोग संग्रहालय में जाकर समझ पाएंगे. यह डीएचआर 779 इंजन है, जिसकी खासियत थी कि यह विशेष तौर पर पहाड़ों में दार्जिलिंग में चलने के लिए तैयार किया गया था.
साल 1914 में इसका इसका निर्माण यूनाइटेड किंग्डम के ग्लासगो में किया गया था. अब इस इंजन की जगह रेल भवन में हाई स्पीड रेल इंजन का प्रतिकृति लगाया जाएगा. 'दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे' (डीएचआर) के इस भाप इंजन को आजादी मिलने के कुछ साल बाद दिल्ली लाया गया था.
राष्ट्रीय रेल संग्रहालय के डायरेक्टर आशीष गुंडाल बताते हैं कि यह संग्रहालय के लिए बड़ी बात है कि करीब 100 साल पहले बने इस इंजन की जानकारी अब आम लोगो हमारे जरिए मिल पाएगी.
उन्होंने आगे कहा, ''संग्रहालय में इस इंजन के जाने के बाद अब आम लोगों को ऐसे देखने का मौका मिलेगा, क्योंकि रेल भवन में हर किसी प्रवेश नहीं है. ऐसे में अब राष्ट्रीय रेल संग्रहालय में पहुंचने के बाद अधिक-से-अधिक लोग इसे देख सकेंगे और इसके बारे में जान सकेंगे.''