scorecardresearch
 

यूक्रेन की कंपनी ने जंग के कारण सप्लाई से खड़े किए हाथ, चाइना मेड पहिये के लिए रेलवे ने दिया 500 करोड़ का ठेका 

भारतीय रेलवे ने ट्रेनों के पहियों के लिए एक चीनी कंपनी को ठेका दिया है. पहले ये टेंडर यूक्रेन की एक कंपनी को जारी किया गया था, लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से कंपनी ने अपने हाथ खड़े कर दिए थे, जिसके बाद रेलवे ने यह ठेका चीनी कंपनी ताइयुआन को यूक्रेन की कंपनी की तुलना में महंगी दर से दिया है.

Advertisement
X
फाइल फोटो
फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इंडियन रेलवे ने चीनी कंपनी को दिया ठेका
  • यूक्रेनी कंपनी ने जंग के कारण सप्लाई से खड़े किए थे हाथ

भारतीय रेलवे ने चीनी कंपनी ताइयुआन से एलएचबी कोचों के लिए पहियों की खरीद का ऑर्डर दिया है. पहले ये ऑर्डर यूक्रेन की एक फर्म को दिया गया था, लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से उसने टेंडर वापस कर दिया था, जिसके बाद भारतीय रेलवे की ओर से चीनी कंपनी को ये ऑर्डर दिया गया. यह जानकारी सरकार की ओर से बुधवार को संसद में दी गई. 

Advertisement

लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि एलएचबी कोचों के लिए 39,000 पहियों की खरीद का ऑर्डर भारतीय रेलवे द्वारा चीन की एक कंपनी ताइयुआन को दिया गया है. रेल मंत्री की ओर से बताया गया कि रूस और यूक्रेन के बीच वर्तमान युद्ध संकट की वजह से आपूर्ति प्रभावित हुई थी. इससे पहले एलएचबी कोचों के लिए 30,000 पहियों के लिए यूक्रेन की निर्माता कंपनी मैसर्स केएलडब्ल्यू को ऑर्डर दिया गया था. अंग्रेजी अखबारों की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी कंपनी को दिया गया ये ठेका करीब 500 करोड़ रुपये का है. 

युद्ध की वजह से नहीं हो पाई सप्लाई

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मैसर्स केएलडब्ल्यू ने यूक्रेन में युद्ध संकट के कारण आपूर्ति करने में असमर्थता के कारण फोर्स मेज्योर क्लॉज लागू किया और औपचारिक खरीद आदेश यूक्रेनी फर्म को जारी नहीं किया जा सका. उन्होंने बताया कि एलएचबी कोचों के लिए पहियों के संकट से निपटने के लिए चीनी फर्म के साथ सौदा किया गया. मंत्री ने कहा कि चीनी फर्म भारत सरकार की भूमि सीमा नीति के अनुसार, एलएचबी कोचों के लिए पहियों के लिए डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) के साथ रजिस्टर्ड है. 

Advertisement

यूक्रेन की फर्म से महंगा है टेंडर

सवाल के जवाब में ये भी बताया गया है कि ये यूक्रेन की कंपनी से किए गए सौदे से महंगा है. इसमें बताया गया है, "चीन की फर्म को जिस दर पर ऑर्डर दिया गया है, वह यूक्रेन की फर्म पर LOA में दिए गए प्रति पहिया की दर से 1.68 फीसदी से अधिक है. 
 

 

Advertisement
Advertisement