केंद्र सरकार हर हाल में बुलेट ट्रेन को ट्रैक पर उतारने की कोशिश में जुटी है. महाराष्ट्र में बुलेट ट्रेन (Bullet train) प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण में देरी होती है तो रेलवे मुंबई-गुजरात बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को चरणबद्ध तरीके से चलाने के लिए तैयार है. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने इस बात की जानकारी दी है.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने स्पष्ट कहा कि अगर महाराष्ट्र सरकार की ओर से भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition) में देरी हुई तो पहले फेज में अहमदाबाद से वापी (गुजरात) के बीच बुलेट ट्रेन चलाई जा सकती है. जबकि भूमि अधिग्रहण की मंजूरी मिली तो ही दूसरे फेज में वापी से बांद्रा तक बुलेट ट्रेन दौड़ेगी.
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रेलवे बोर्ड के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार से जमीन अधिग्रहण को लेकर लगातार बातचीत जारी है. महाराष्ट्र सरकार ने अगले 4 महीने में 80% भूमि अधिग्रहण का काम पूरा होने का भरोसा दिलाया है. रेल मंत्रालय ने साफ कहा कि अगर महाराष्ट्र सरकार ने सहयोग नहीं किया तो बुलेट ट्रेन को दो चरणों में चलाया जा सकता है.
If we get the land then the project can be commissioned in both Gujarat & Maharashtra. We are also preparing whether we can run bullet train till Vapi (Gujarat) in the first phase if there is a delay in land acquisition in Maharashtra: Chairman, Railway Board (26.12) https://t.co/sxvZNNm3Jo
— ANI (@ANI) December 26, 2020
बता दें कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर देश की पहली बुलेट ट्रेन योजना है, लेकिन इस योजना के रास्ते में सबसे बड़ी रुकावट जमीन अधिग्रहण को लेकर आ रही है. सरकार की ओर से 2024 तक इस रूट पर बुलेट ट्रेन दौड़ाने का प्लान है. ऐसे में गुजरात में भूमि अधिग्रहण का काम अधिकतर पूरा हो चुका है, जबकि महाराष्ट्र में अभी मामला लटका हुआ है.