इंडियन रेलवे को कोरोना काल में यात्रियों को कैंसिल टिकट का पैसा वापस करने से बड़ा घाटा हुआ है. एक आरटीआई के जवाब में इस बात की जानकारी मिली है. आरटीआई के मुताबिक इंडियन रेलवे ने कोरोना वायरस महामारी के कारण इस साल मार्च से टिकटों को रद्द करना शुरू किया और 1.78 करोड़ से ज्यादा टिकट रद्द किए. इसके कारण रेलवे को 2727 करोड़ रुपये की रकम यात्रियों को वापस करना पड़ा.
सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मिले जवाब के मुताबिक इस दौरान भारतीय रेल ने कुल 1,78,70,644 टिकट रद्द किए और इसके बदले में उसे 2727 करोड़ रुपये लोगों को वापस करने पड़े. बता दें कि इंडियन रेलवे ने कोरोने के संकट को देखते हुए 25 मार्च 2020 से ही पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया था. यह आरटीआई मध्य प्रदेश के चंद्रशेखर गौड़ ने दाखिल की थी, जिसके जवाब में रेलवे ने कहा कि कोविड-19 के कारण बंद ट्रेनों के टिकट रद्द करने के लिए कोई शुल्क नहीं काटा गया.
घट गया 1066 करोड़ का राजस्व
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पहली बार रेलवे को टिकट बुकिंग से जितनी आमदनी हुई उससे ज्यादा पैसे वापस करने पड़े. वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में यात्री खंड में 1066 करोड़ रुपये राजस्व घट गया. पिछले साल एक अप्रैल से 11 अगस्त के बीच रेलवे ने 3,660.08 करोड़ रुपये वापस किए थे और समान अवधि में 17,309.1 करोड़ रुपये का राजस्व आया.
पहली बार आय से ज्यादा पैसा वापस
ऐसा पहली बार हुआ है जब रेलवे को टिकट बेचने से जितनी आय हुई, उससे ज्यादा उसने पैसा वापस किया है. एक अधिकारी ने इस बारे में बताया कि सेवाओं के स्थगित होने के कारण अप्रैल, मई और जून के लिए बुक टिकट की राशि वापस की गई जबकि इन 3 महीनों के दौरान टिकटों की बुकिंग भी कम ही हुई और इस दौरान पाबंदी भी लगी हुई थी.
पिछले साल की कमाई
इस वित्तीय वर्ष के पहले 3 महीने में रेलवे ने अपनी सभी नियमित यात्री सेवाओं को स्थगित कर दिया था. इस दौरान रेलवे का अप्रैल में 531.12 करोड़ रुपये, मई में 145.24 करोड़ रुपये और जून में 390.6 करोड़ रुपये का राजस्व घट गया. वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में रेलवे को अप्रैल में 4,345 करोड़ रुपये, मई में 4,463 करोड़ रुपये और जून में 4,589 करोड़ रुपये की आय हुई थी.