Indian Railways, IRCTC, Train Ticket Transfer: इंडियन रेलवे से लाखों भारतीय रोजाना यात्रा करते हैं. कई बार कन्फर्म टिकट होने के बाद भी कोई ऐसी अड़चन आ जाती है, जिससे लोग यात्रा नहीं कर पाते हैं. ऐसे में वे चाहते हैं कि उनकी जगह कोई और उस टिकट पर यात्रा कर ले. हालांकि, इसके बारे में भारतीय रेलवे ने नियम बनाया हुआ है.
कुछ समय पहले रेलवे ने कन्फर्म टिकट को लेकर एक सर्कुलर जारी किया था. इसमें बताया गया था कि कैसे कोई यात्री अपने कन्फर्म टिकट पर यात्रा नहीं करके दूसरे को ट्रांसफर कर सकता है. सर्कुलर के अनुसार, यदि कोई यात्री टिकट पर यात्रा नहीं कर पा रहा है और वह उस टिकट को परिवार के किसी सदस्य को ट्रांसफर करना चाहता है, तो ऐसा कर सकता है. इसके लिए यात्री को आवेदन स्टेशन अधीक्षक/स्टेशन मास्टर के नाम से लिखना होगा.
आवेदन के साथ ही टिकट की कॉपी और अपने आईडी प्रूफ के साथ यात्रा करने वाले सदस्य के ब्लड रिलेशन संबंधित कोई डॉक्युमेंट्स लगाना होगा. इसके बाद अगर रेलवे अधिकारी उन डॉक्युमेंट्स को सही पाता है तो फिर आपका कन्फर्म टिकट आपके उस सदस्य के नाम पर ट्रांसफर हो जाएगा. बता दें कि रेल मंत्रालय के 1990 नियम के अनुसार, 3 जून 2006 को भी एक सर्कुलर जारी किया गया था, जिसमें बताया गया था कि ट्रेन में यात्रा करने से 24 घंटे पहले कोई भी यात्री अपना कन्फर्म टिकट परिवार वालों के नाम पर ट्रांसफर करवा सकता है. इसके लिए आईडी प्रूफ, शपथ पत्र जैसे डॉक्युमेंट्स की जरूरत होती है.
ओमिक्रॉन के बीच रेलवे ने उठाए कई कदम
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को देखते हुए पूर्व मध्य रेल (East Central Railway) कई एहतियाती कदम उठा रहा है. किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए रेलवे चिकित्सालयों में अनुभवी चिकित्सक, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ 24 घंटे तैनात रहेंगे. कोविड-19 के मरीजों को चिकित्सीय सुविधा प्रदान करने के लिए रेलवे चिकित्सालयों में मेडिकल स्टाफ को नए वैरिएंट से संबंधित ताजा जानकारी से अपडेट कराते हुए विशेष रूप से प्रशिक्षित भी किया जा रहा है. कोविड-19 से बचाव के लिए पूर्व मध्य रेल द्वारा अपने कर्मचारियों को कोविड के टीके लगवाने के लिए कई कदम उठाए गए. जिसका परिणाम है कि पूर्व मध्य रेल के लगभग 80 हजार रेलकर्मियों में से 72 हजार से भी ज्यादा रेलकर्मियों को टीका लग चुका है. लगभग 90 प्रतिशत कर्मचारियों को टीके के दोनों डोज लगाया जा चुका है.