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मेरठ के बाद दिल्ली-अलवर रैपिड रेल कॉरिडोर की तैयारी, 106 KM लंबे रूट पर होंगे 16 स्टेशन

दिल्ली-मेरठ के बीच जयपुर ट्रेन के संचालन शुरू हो चुका है. कम खर्च पर लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल रही है.इसे लोग भी खासा पसंद कर रहे हैं. दो दिन में 10 हजार से ज्यादा लोगों ने रैपिड रेल में यात्रा की. अब सब की निगाहें दिल्ली- अलवर कॉरिडोर पर टिकी हुई हैं.

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Rapid Rail
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दिल्ली से मेरठ के बीच रैपिड रेल का संचालन शुरू हो चुका है. अब जल्द ही दिल्ली-अलवर और दिल्ली-पानीपत के बीच रैपिड रेल कॉरिडोर का निर्माण कार्य शुरू होगा. करीब एक साल का समय जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में लगेगा. अलवर रूट का काम तीन चरणों में होगा. 164 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक पर 22 स्टेशन होंगे. इस ट्रैक पर करीब 37 हजार  करोड रुपए खर्च होंगे. 2028 तक यह ट्रैक बनकर तैयार होगा.

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दिल्ली- अलवर कॉरिडोर पर सबकी निगाहें

दिल्ली-मेरठ के बीच रैपिड ट्रेन के संचालन शुरू हो चुका है. कम खर्च पर लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं. इसे लोग भी खासा पसंद कर रहे हैं. दो दिन में 10 हजार से ज्यादा लोगों ने रैपिड रेल में यात्रा की. अब सब की निगाहें दिल्ली- अलवर कॉरिडोर पर टिकी हुई हैं. सराय काले खां से गुड़गांव होते हुए अलवर तक के रूट को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच बातचीत हो रही है. हरियाणा और राजस्थान दोनों सरकारों ने पहले ही अपने अधिकार क्षेत्र में रैपिड रेल के लिए विस्तार के लिए अपनी मंजूरी दे दी है.

सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार को दे चुकी है ये निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली सरकार को रैपिड रेल कॉरिडोर के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है. जब तक दिल्ली सरकार एमओयू पर हस्ताक्षर नहीं करती, तब तक वे कोई नई रैपिड रेल परियोजना शुरू नहीं हो पाएगी. दिल्ली सरकार द्वारा प्रक्रिया पूरी करने के बाद मंत्रालय दिल्ली-पानीपत (103 किमी) और दिल्ली-अलवर (164 किमी) परियोजनाओं को सार्वजनिक निवेश बोर्ड और कैबिनेट के पास मंजूरी के लिए जाएगा.

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तीन चरणों में पूरा होगा काम

दिल्ली-अलवर रूट तीन चरणों में पूरा होगा. पहले चरण में दिल्ली से गुरुग्राम, दूसरे चरण में गुरुग्राम से बहरोड़ नीमराना और तीसरे चरण में बहरोड़ नीमराना से अलवर तक कॉरिडोर तैयार किया जाएगा. पहले फेस 106 किलोमीटर लंबा होगा. दूसरा फेस 35 किलोमीटर लंबा होगा और तीसरा फेस 58 किलोमीटर लंबा होगा. इस ट्रैक पर कुल 22 स्टेशन बनाए जाएंगे. पहले फेस में 83 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में होगा. 22 किलोमीटर दिल्ली व राजस्थान में 2 किलोमीटर का ट्रेन बनेगा. इस कॉरिडोर में 70.5 किलोमीटर एलिवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा. उसके बाद 36 किलोमीटर का हिस्सा भूमिगत होगा.

106 किलोमीटर लंबे रूट पर 16 स्टेशन

106 किलोमीटर लंबे रूट पर 16 स्टेशन होंगे. सराय काले खान, जोरबाग, मुनिरका, एक्सपोसिटी, उद्योग विहार, सेक्टर 17, राजीव चौक, खिड़की धौला, मानेसर, पंचगांव, बिलासपुर चौक, धारूहेड़ा, एमबीआईआर, रेवाड़ी, बावल, एसएनबी, खैरथल, अलवर स्टेशन होगा. इस रूट पर मेट्रो के साथ 8 एक्सचेंज स्टेशन बनाए जाएंगे. दिल्ली से बहरोड तक का सफर महज 70 मिनट में पूरा होगा. दिल्ली जयपुर हाईवे के किनारे एक कॉरिडोर तैयार किया जाएगा. प्रोजेक्ट में करीब 37 हजार 987 करोड रुपए खर्च होंगे. इसमें 20 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार तथा 20 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार देगी. 60 प्रतिशत का हिस्सा विभिन्न वित्तीय मदद से उपलब्ध कराया जाएगा.

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