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Indian Railways: स्टार्टअप फॉर रेलवेज लॉन्च, रेलवे अब यात्रियों की दिक्कतें ऐसे करेगा दूर

Indian Railway: भारतीय रेलवे ने प्रौद्योगिकी के साथ जुड़कर काम करने को लेकर‘स्टार्टअप्स फॉर रेलवेज़‘ नाम से एक नया इनोवेशन प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है. रेलवे के इस फैसले के माध्यम से स्टार्टअप्स और रेलवे को जुड़ने का अच्छा अवसर मिलेगा.

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Indian railway news
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारतीय रेलवे इनोवेटर्स की करेगा भरपूर मदद
  • आत्मनिर्भर भारत के लिए रेलवे का बड़ा फैसला

Indian Railway: भारतीय रेलवे ने स्टार्टअप और अन्य संस्थाओं की भागीदारी के माध्यम से इनोवेशन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल की है. रेलवे ने नई दिल्ली में ‘स्टार्टअप्स फॉर रेलवेज़‘ लॉन्च किया है. रेलवे का ये कदम ये फैसला परिचालन, रखरखाव और बुनियादी ढांचे के निर्माण के क्षेत्र में रेलवे को एक नई ऊंचाई प्रदान करेगी और यात्रा संबंधी सारी दिक्कतें भी दूर होंगी.

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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे में प्रौद्योगिकी के साथ जुड़कर काम करने को लेकर लंबे समय से चल रही संवाद को ‘स्टार्टअप्स फॉर रेलवेज़‘ के रूप में ठोस आकार दिया गया है. इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्टार्ट अप और रेलवे को जुड़ने का अच्छा अवसर मिलेगा. बता दें कि स्टार्ट अप फ़ॉर रेलवे की शुरुआत भारतीय रेलवे इनोवेशन पॉलिसी के तहत की गई है. नए आत्मनिर्भर भारत के लिए रेलवे का ये फैसला उनके मील का पत्थर साबित होगा.

स्टार्टअप योजना में रेलवे प्रति वर्ष 50 करोड़ रुपए तक का निवेश करेगा। इंवेंटरो को रेलवे में तकनीकी समाधान के लिए 1.5 करोड़ रुपए तक की अनुदान राशि मुहैया कराया जाएगा.साथ ही साथ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स इंवेंटरो के पास ही रहेंगे।इस मुहिम के चलते भारतीय रेल अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को और भी मजबूत कर पाएगी साथ ही नए  स्टार्टअप को भी रेल्वे इन्वेस्टमेंट से काफ़ी फ़ायदा होगा.

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स्टार्टअप्स की मदद करेगा रेलवे

रेल मंत्री ने स्टार्टअप्स से इस अवसर का उपयोग करने का अनुरोध करते हुए कहा कि भारतीय रेलवे द्वारा उन्हें 50 प्रतिशत पूंजी अनुदान, सुनिश्चित बाजार, इकोसिस्टम आदि के रूप में सहायता की जाएगी. इस दौरान इंडियन रेलवे इनोवेशन पोर्टल को लॉन्च किया गया है. जिसकी आधिकारिक वेबसाइट www.innovation.indianrailways.gov.in है.

रेलवे के इस नए प्लेटफॉर्म में क्या-क्या है शामिल

  • इनोवेटर को समान साझेदारी के आधार पर 1.5 करोड़ रुपये तक का अनुदान.
  • उद्देश्य की पूर्ति एवं पारदर्शिता हेतु इसकी पूरी प्रक्रिया ऑन लाइन होगी .
  • रेलवे में प्रोटोटाइप का ट्रायल किया जाएगा. प्रोटोटाइप के सफल प्रदर्शन पर इसके इस्तेमाल हेतु समुचित धनराशि प्रदान की जाएगी.
  • ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से इनोवेटर का चयन पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से किया जाएगा. 
  • विकसित बौद्धिक संपदा का अधिकार (आईपीआर) इनोवेटर के पास ही रहेंगे.
  • इनोवेटर को एस्योर्ड डेवलपमेंटल ऑर्डर .
  • विलम्ब से बचने के लिए मंडल स्तर पर संपूर्ण उत्पाद विकास प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण.

11 समस्याओं को किया गया चिन्हित

मई माह में क्षेत्रीय इकाइयों को समस्या का विवरण उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था. अब तक प्राप्त लगभग 160 समस्याओं में से 11 समस्याओं को चिन्हित करते हुए उसे इस पहल के तहत समाधान पोर्टल पर इन्हें अपलोड किया गया है. ये समस्याएं इस प्रकार है.

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  • ब्रोकेन रेल डिटेक्शन सिस्टम
  • रेल स्ट्रेस मॉनिटरिंग सिस्टम
  • उपनगरीय खंडों का भारतीय रेलवे के राष्ट्रीय एटीपी प्रणाली के साथ समन्वय करके हेडवे इंप्रूवमेंट सिस्टम 
  • ऑटोमेशन ऑफ ट्रैक इंस्पेक्शन एक्टिविटीज़
  • डिजाइन ऑफ सुपीरियर इलास्टोमेरिक पैड फॉर हैवी हॉल फ्रेट वैगंस
  • थ्री फेज इलेक्ट्रिक इंजनों के ट्रैक्शन मोटर्स के लिए ऑनलाइन कंडीशन मॉनिटरिंग सिस्टम का विकास
  • नमक जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए हल्के वैगन का विकास
  • यात्री सेवाओं में सुधार के लिए डिजिटल डाटा का उपयोग करके विश्लेषणात्मक उपकरण का विकास
  • ट्रैक क्लिनिंग मशीन
  • पोस्ट ट्रेनिंग रिवीजन एवं सेल्फ सर्विस रिफ्रेशर कोर्स के लिए ऐप 
  • पुल निरीक्षण के लिए रिमोट सेंसिंग, जियोमैटिक्स और जीआईएस का उपयोग

 

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