भारतीय रेलवे (Indian Railways) मिशन मोड में काम करते हुए अगले कुछ वर्षों में कई प्रोजेक्ट्स का काम पूरा करेगा. रेल मंत्रालय के मुताबिक एक लाख 15 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत के 58 अति महत्वपूर्ण (Super Critical) और 68 महत्वपूर्ण (Critical) यानी कुल 126 प्रोजेक्ट्स का काम पूरा करने के लिए तेजी लाई जा रही है.
58 प्रोजेक्ट्स मार्च 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य
भारतीय रेलवे पटरियों की क्षमता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए तेजी से काम कर रहा है. पिछले एक साल में 11,588 करोड़ रुपये की लागत वाले कुल 1,044 किलोमीटर लंबाई के 29 अति महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स शुरू हो गए हैं. रेलवे के मुताबिक 39,663 करोड़ रुपये की लागत वाले कुल 3,750 किलोमीटर लंबाई के 58 अति महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स में से 27 दिसंबर, 2021 तक पूरे हो जाएंगे जबकि बाकी 02 प्रोजेक्ट मार्च 2022 तक पूरा होने का लक्ष्य है. इसमें व्यस्त रूट्स पर मल्टी-ट्रैकिंग यानी दोहरीकरण/तीसरी लाइन/चौथी लाइन शामिल हैं.
On a Mission Mode to become "Future Ready", Railways on way to deliver 58 super critical and 68 critical projects worth more than Rs 115000 crore.https://t.co/GN6lGQswBq pic.twitter.com/VLifHua6aX
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) June 29, 2021
68 में से पूरे हो चुके 4 प्रोजेक्ट
रेलवे के मुताबिक 75,736 करोड़ रुपये की लागत के 6,913 किलोमीटर कुल लंबाई के 68 महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स की पहचान की गई है. जबकि 1,408 करोड़ रुपये की लागत के 108 किलोमीटर लंबे 04 प्रोजेक्ट अब तक पूरे कर लिए गए हैं. बाकी को मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है.
क्या है इन प्रोजेक्ट्स का उद्देश्य?
इन परियोजनाओं यानी प्रोजेक्ट्स को जल्द पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है, जिससे निवेश का लाभ उठाया जा सके. यह प्रोजेक्ट्स मोबिलिटी, सुरक्षा में सुधार लाएंगे और व्यस्त रूट्स पर सवारी और मालगाड़ी चलाने की क्षमता बढ़ेगी. इन प्रोजेक्ट्स के पूरा होने के बाद भीड़-भाड़ वाले रूट्स पर यात्री और माल ढुलाई की सुचारू आवाजाही हो सकेगी. ट्रेनों की गति बढ़ाने, नई रेल सेवा शुरू करने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए अधिक लाइन उपलब्ध होंगी.