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अग्निपथ स्कीम के खिलाफ प्रदर्शन से रेलवे को 259 करोड़ का नुकसान, संसद में रेल मंत्री का बयान

जून में शुरू की गई अग्निपथ योजना के चलते हिंसक प्रदर्शन किए गए थे, जिसमें रेलवे की संपत्ति को काफी नुकसान हुआ था. संसद में रेल मंत्रालय ने इस साल रेलवे को हुए नुकसान के आंकड़े पेश किए.

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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 17 दिनों में हुआ 103 करोड़ का नुकसान
  • पिछले तीन साल के आंकड़े भी पेश किए

राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान सांसदों के सवालों के जवाब देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2022 में रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की वजह से भारतीय रेलवे को 259.44 करोड़ का नुकसान हुआ है.

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यह आंकड़ा अग्निवीर योजना पर बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शन से जुड़ा है. इस विरोध प्रदर्शन के चलते बिहार, यूपी और तेलंगाना राज्यों के रेलवे स्टेशनों पर हिंसा की गई थी.

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अग्निपथ योजना शुरू करने के बाद हुए आंदोलन की वजह से सार्वजनिक अव्यवस्था हुई थी. इसके चलते रेल सेवाओं में आए व्यवधान से यात्रियों को जो पैसे वापस दिए गए, उसका डेटा अलग से मेंटेन नहीं किया गया है. हालांकि, 14 जून 2022 से 30 जून 2022 के दौरान ट्रेनों के रद्द होने की वजह से करीब 102.96 करोड़ का कुल रिफंड यात्रियों को दिया गया था. जबकि 259 करोड़ रुपये का नुकसान रेलवे में आगजनी-तोड़फोड़ की वजह से हुआ.

 

पिछले 3 सालों यानी 2019, 2020 और 2021 के दौरान, अन्य आंदोलन की वजह से भारतीय रेलवे को क्रमशः 151 करोड़, 904 करोड़ और 62 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

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राज्यसभा में रेल मंत्रालय से यह सवाल किया गया था कि क्या देश में अग्निपथ योजना शुरू करने के बाद, सार्वजनिक अव्यवस्था के कारण रेल संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, ट्रेनों को जलाने और रेल सेवाओं के बाधित होने की वजह से रेलवे को नुकसान हुआ है? इसके जवाब में रेल मंत्री ने सदन में ये आंकड़े प्रस्तुत किए. 


 

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