फिजाओं में बारूद की गंध घुली हो, गोलियों की तड़तड़ाहट हो, लोगों के मरने चीखने पुकारने और गिड़िगाड़ाने का शोर हो और सामने बंदूकधारी क्रूर तालिबानी हों, कुछ न सूझ रहा हो कि अब आगे कितनी है जिंदगी सेकेंड भर कि मिनट भर. कुछ समझ न आ रहा हो कि अब आगे जिंदगी बचेगी भी कि नहीं, बार बार लग रहा हो कि मौत अब आई कि तब आई. ऐसी जिंदगी को एक बार फिर अगर मुस्कुराने का मौका मिल जाए तो कैसा लगता है. बिल्कुल वैसा लगता है जैसा काबुल से लौटे 120 लोगों को लग रहा है.
काबुल से 120 भारतीयों को लेकर ग्लोबमास्टर प्लेन आज पहले गुजरात के जामनगर में लैंड हुआ. भारत की धरती पर पैर रखकर इन लोगों ने राहत की सांस ली. जहां से उन्हें आगे गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस लाया गया. फिर आगे चेकअप आदि के लिए भेज दिया गया.
क्या बोले अफगानिस्तान से लौटे भारतीय
काबुल से लौटे कुछ भारतीयों से हमने बात की. उन्होंने बताया कि काबुल एयरपोर्ट के हालात अब थोड़े सुधर गए हैं लेकिन 15-16 अगस्त को स्थिति बहुत खराब थी. एक भारतीय शख्स जो काबुल एयरपोर्ट पर ही काम करते थे, उन्हें भी वापस लेकर आया गया है. शख्स ने बताया कि काबुल में तालिबान के घुसने के बाद आम नागरिक एयरपोर्ट के अंदर घुस गए थे. फिर उन्हें जो भी एयरक्राफ्ट दिखता वे लोग उसमें घुसने की कोशिश करते.
#Exclusive | काबुल से किया गया एयरलिफ़्ट...कई लोग अपने कपड़े भी नही ला पाये !
— AajTak (@aajtak) August 17, 2021
आज़तक संवाददाता @aajtakjitendra ने बस में की भारत लौटे इन लोगों से ख़ास बात।#ReporterDiary #Afghanistan #Kabul pic.twitter.com/AgJphT8mGN
शख्स ने भारतीय दूतावास का शुक्रिया अदा किया. शख्स ने बताया कि उसने दूतावास से मदद मांगी थी, जिसके बाद ITBP के जवान हर घंटे उनसे हालात का पता लगा रहे थे. फिर ITBP टीम एयरपोर्ट पर ही उन्हें मिली, फिर वहां से फ्लाइट में बैठकर वे लोग साथ वापस आए.
दूसरे शख्स ने आजतक को बताया कि अभी काबुल में ही करीब 300 से ज्यादा भारतीय फंसे हैं. फिलहाल 120 भारत लौट चुके हैं. बाकी लोगों को भी जल्द वापस लाने की कोशिश की जा रही है. वापस आए अन्य शख्स ने बताया कि वह काबुल बेस पर ही काम करता था. शख्स ने बताया कि 16 अगस्त को स्थिति खराब थी जो अब ठीक हो रही है. अन्य शख्स ने बताया कि वे लोग वहां से अपना कुछ भी सामान वापस नहीं ला पाए. ज्यादातर लोगों को ऐसे ही लौटना पड़ा.