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Ukraine Russia crisis: यूक्रेन में फंसे भारतीयों का वापस लाने का क्या प्लान है? विपक्ष के सरकार से तीखे सवाल

यूक्रेन में फंसे (Indians in Ukraine) भारतीयों की वतन वापसी कैसे हो, इस सवाल को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है. मांग की जा रही है कि जल्द से जल्द प्राथमिकता के आधार पर वहां फंसे सभी भारतीयों को वापस देश लाया जाए.

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Ukraine Russia crisis (Photo-PTI)
Ukraine Russia crisis (Photo-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एअर इंडिया तीन फ्लाइट का करेगा संचालन
  • विपक्ष की मांग- सरकार जल्द करवाए वतन वापसी

यूक्रेन और रूस के बीच तनाव कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा है. युद्ध शुरू नहीं हुआ है लेकिन आशंका लगातार बनी हुई है. इसी वजह से अब कीव स्थित भारतीय दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी कर सभी भारतीय नागरिकों और छात्रों को यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी है. ये भी कहा गया है कि ये लोग चार्टर उड़ानों का इस्तेमाल कर सकते हैं.  

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लेकिन भारतीय दूतावास की इस एडवाइजरी के सामने आते ही विपक्ष ने मोदी सरकार पर अपना हमला तेज कर दिया है. आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा है कि इस समय यूक्रेन में 18 हजार भारतीय छात्र फंसे हैं और सिर्फ दो से तीन एअर इंडिया की फ्लाइट से उनकी वतन वापसी संभव नहीं.

उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि नई एडवाइजरी कहती है कि सभी भारतीय छात्र यूक्रेन छोड़ दें. अभी इस समय यूक्रेन में 18 हजार भारतीय छात्र हैं और उनकी वापसी हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता रहनी चाहिए. मुझे नहीं लगता कि दो से तीन एअर इंडिया फ्लाइट या फिर चार्टर उड़ानों के जरिए इस मिशन को पूरा किया जा सकता है.

वहीं शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस मुद्दे को उठाया है. उन्होंने एक कदम आगे बढ़कर फ्लाइट के रेट का मद्दा भी सरकार के सामने रखा है. ट्वीट कर प्रियंका ने लिखा है कि कोई उन्हें वहां से जाने को कहे, उससे पहले हमे उनका रेस्क्यू करना चाहिए. इन छात्रों से ऐसी उम्मीद करना कि वे चार्टर उड़ान के जरिए वापस आ जाएं, ये भारतीय नागरिकों के लिए बड़ी नाइंसाफी है क्योंकि इन फ्लाइट के दाम आसमान छू रहे हैं. मैंने विदेश मंत्रालय के सामने पहले भी ये मुद्दा उठाया है, एक बार फिर उठा रही हूं.

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अब जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले ही एअर इंडिया ने ऐलान किया था कि वो यूक्रेन के लिए तीन फ्लाइट का संचालन करेगा. 22, 24 और 26 फरवरी को इन तीन फ्लाइट का संचालन किया जाएगा. लेकिन अभी के लिए विपक्ष इस संख्या को काफी कम मान रहा है और सरकार से जल्द से जल्द वहां फंसे भारतीयों की वतन वापसी की मांग कर रहा है.

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