रूस का यूक्रेन पर हमला लगातार तेज़ होता जा रहा है. इस बीच भारतीय छात्रों को यूक्रेन से निकलने की कोशिश भी शुरू हो चुकी है. हर दिन छात्रों को स्पेशल फ्लाइट से लाया जा रहा है लेकिन कई ऐसे छात्र ऐसे हैं जो अब यूक्रेन पोलैंड बॉर्डर पर फंस गए हैं. यूक्रेन से एक भारतीय छात्र आर्यन ने अपने सीनियर स्टूडेंट के वीडियो भेजे हैं. वीडियो में छात्र आपबीती बात रहे हैं.
एक वीडियो में निखिल कुमार नाम का छात्र बता रहा हैं कि वो और उसके साथी कैब करके हॉस्टल से पोलैंड के लिए निकले थे लेकिन बॉर्डर से लगभग 25 किलोमीटर पहले कैब ने उतार दिया. कैब के बीच में छोड़े जाने के कारण छात्रों को 25 किलोमीटर पैदल चलकर पोलैंड बॉर्डर पर पहुंचना पड़ा. इसके बावजूद पोलैंड में उन्हें एंट्री नहीं दी गई.
निखिल कुमार का आरोप है सिर्फ यूक्रेन के लोगों को लेने के लिए पोलैंड से छोटी छोटी वैन आ रही हैं. निखिल के साथ वीडियो में कई छात्र देखे जा सकते हैं.
13 घंटे से ना तो खाना मिला और ना पानी
वीडियो में निखिल आगे कह रहे हैं कि पिछले 13 घंटों से न तो उन्हें खाना मिला है और न ही पानी. आपबीती सुनाते हुए छात्र कह रहा है, 'खुद को कितना संभाला जाए. हम लोग जूनियर को अभी तक संभाल रहे थे. अब तो लगता है, इससे अच्छा होता कि किसी मिसाइल का ही शिकार हो जाते. ऐसा लगता है हम यहां अनाथ हैं, कोई हमारा है ही नहीं.'
एक और वीडियो आजतक को मिला है जिसमें कुछ बच्चे फोन कॉल पर किसी से बहस करते हुए दिखाई पड़ते हैं. बातचीत से लगता है कि छात्र किसी अधिकारी से बहस कर रहे हैं. कॉल पर मौजूद दूसरा आदमी कहता है कि उसने ऊपर अधिकारियों से सब कुछ बता दिया है. छात्र इस वीडियो में मदद न मिलने से नाराज नजर आ रहे हैं.
अभी भी फंसे हैं कई छात्र
यूक्रेन से भारतीय छात्रों को लाने का सिलसिला लगातार चल रहा है. रविवार को भी फ्लाइट छात्रों को लेकर पहुंची है लेकिन अभी भी कई भारतीय बच्चे यूक्रेन के अलग अलग शहरों में फंसे हुए हैं. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक अब तक 709 लोगों को यूक्रेन से भारत लाया गया है और बाकियों को भी निकालने का काम जारी है.
रूस ने जिस तरह से यूक्रेन के रिहायशी इलाकों में पर भी हमले करने शुरू कर दिए हैं, उससे कई भारतीय छात्र और उनके परिवार की चिंता बढ़ने लगी है.
ये भी पढ़ेंः-