कल बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के समापन भाषण में पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं से इस साल होने वाले 9 राज्यों के चुनाव पर फोकस करने को कहा. वहीं, आज तेलंगाना में विपक्षी नेताओं का जमघट लगा. तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव की रैली में अरविंद केजरीवाल से लेकर भगवंत मान, पिनरई विजयन, अखिलेश यादव समेत कई बड़े नेता पहुंचे और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. इन सब के बीच आज चुनाव आयोग ने त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया. तीनों राज्यों में विधानसभा की 60-60 सीटें हैं और टोटल 63 लाख मतदाता हैं. त्रिपुरा में 16 जनवरी और बाक़ी दो राज्यों में 27 फरवरी को वोटिंग होगी. नतीजे 2 मार्च को आएंगे.
मेघालय में लगातार दो बार सत्ता में रहने के बाद कांग्रेस 2018 में चुनाव नहीं जीत पाई. बीजेपी को 21 सीटें मिली थीं और कांग्रेस को 20. लेकिन गठबंधन बनाने में बीजेपी भारी पड़ गई और एनडीए की छतरी के नीचे नेशनल पीपुल्स पार्टी सत्ता में आ गई. नगालैंड की बात करें तो वहां नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के नेफियू रियो सीएम हैं. मज़ेदार बात ये है कि रिओ पहले नागा पीपुल्स फ्रंट में थे और इसी पार्टी से 2003 और 2014 के बीच सूबे के सीएम रहे, लेकिन फरवरी 2018 में इन्होंने पार्टी छोड़ी और NDPP से वापस सीएम बन गए और ये दोनों ही पार्टियां बीजेपी के साथ गठबंधन में हैं.
त्रिपुरा में 1998 से 2018 तक वाम दलों का शासन रहा. लेकिन 2018 में बीजेपी ने इस क़िले को ढहा दिया और बिप्लब कुमार देव नए सीएम बने. हालाँकि पिछले साल उनका इस्तीफा हो गया और चुनाव से करीब साल भर पहले राज्य को नया मुख्यमंत्री मिल गया... मानिक साह. तो इस बार त्रिपुरा में मुद्दे क्या हैं, क्या बीजेपी के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी दिख रही है? मेघालय में क्या माहौल है और क्या पिछली बार की तरह ही टक्कर देखने को मिलेगी? साथ ही, नगालैंड के सीएम नेफियू रियो की दावेदारी कितनी मजबूत है, सुनिए 'दिन भर' की पहली ख़बर में.
भारत में स्कूली शिक्षा की कुंडली खंगालने के लिए एक नेशनल सर्वे होती है. इसके बिनाह पर एक रिपोर्ट बनाई जाती है, शॉर्ट में इसको ASER कहते हैं. फुल फॉर्म है एनुअल स्टेटस ऑफ एडुकेशनल रिपोर्ट. इससे पहले ये सर्वे 2018 में किया गया था, अब 2022 की रिपोर्ट आई है. 7 लाख बच्चों के बीच ये सर्वे हुआ है और क़रीब19 हजार स्कूल इस सर्वे का हिस्सा बने. अच्छी बात ये है कि ये सर्वे बता रहा है कि पेंडेमिक के पीरियड के बाद 98 फीसदी से ज़्यादा बच्चे जो छह से 14 साल के हैं वो स्कूल में इनरोल्ड हैं. 2010 में ये आंकड़ा 96 प्रतिशत के आसपास था और अब 98 पर्सेंट को पार कर गया है. .यानी अब केवल 2 परसेंट बच्चे हैं जो स्कूल नहीं जाते.
इसके साथ ही सरकारी स्कूलों में एडमिशन लेने वाले बच्चों की संख्या में भी 7 परसेंट का इजाफा हुआ है. एक और गौर करने वाली बात है कि इस दौरान ट्यूशन लेने वाले बच्चे भी बढ़े हैं. इसके अलावा बच्चों में गणित का ख़ौफ़ बढ़ा है. बच्चों में जो मैथ्स एबिलिटी साढ़े 6 परसेंट से ज़्यादा थी, अब 2 परसेंट के आसपास आ गई है. ये चिंता की बात है. वहीं लड़कियों ने रीडिंग एबिलिटी में बाजी मारी. देश के करीब 69 प्रतिशत स्कूलों के पास प्लेग्राउंड है.अटेंडेंस को लेकर अब भी समस्याएं हैं, बिहार,यूपी और एमपी वो राज्य हैं जिसमें बच्चों की अटेंडेंस सबसे कम है.
मोटे तौर पर ये कुछ आंकड़े हैं, इस सर्वे के. ओवरऑल इस सर्वे रिपोर्ट से हमें कितना खुश होने की ज़रूरत है और देश की शिक्षा व्यवस्था के लिहाज से इसे कैसे देखना चाहिए? ट्यूशन लेने वाले बच्चों की संख्या में इजाफा क्यों हुआ है और मैथ्स को लेकर बच्चों में डर क्यों बढ़ रहा है, सुनिए 'दिन भर' की दूसरी ख़बर में.
अंडरवर्ल्ड ड़ॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े नए खुलासे अक्सर होते रहते हैं . कल ही एक खबर आई थी कि दाऊद ने 67 साल के उम्र में दूसरी शादी कर ली है . और उसका पता बदल गया है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि अभी वह कराची के डिफेन्स एरिया में रह रहा है. इसमें एक नई जानकारी ये जुड़ी है कि अंडरवर्ल्ड सरगना का दबदबा कराची एयरपोर्ट पर भी है. एनआईए की इनवेस्टीगेशन में ये खुलासा हुआ है. कहा जा रहा है कि कराची एयरपोर्ट को डी- कंपनी कंट्रोल कर रही है. एनआईए को ये कैसे पता चला, सुनिए 'दिन भर' की तीसरी ख़बर में.
और अब बात कुश्ती से जुड़ी उस ख़बर की जिसकी चर्चा चहुंओर है. दिल्ली के जंतर-मंतर पर इंडिया के कई नामचीन रेसलर्स भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट जैसे ओलंपिक और कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीतने वाले पहलवान भी इस प्रदर्शन में शामिल रहे. पहलवानों ने रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. विनेश फोगाट ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष और कोच के ऊपर महिलाओं को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. वहीं, अपने ऊपर लगे आरोपों को बृजभूषण शरण सिंह ने निराधार बताया है. तो ये पूरा मामला . क्या है, पहलवानों की मांग क्या है और उनका ये प्रदर्शन कब तक चलेगा, सुनिए 'दिन भर' की आख़िरी ख़बर में.