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ह्यूमन ट्रैफिकिंग के जरिए कंबोडिया ले जाए गए 360 भारतीय, चीनी हैंडलर्स ने बना रखा था बंधक

शानदार कमाई वाली डेटा एंट्री की नौकरियों का लालच देकर भारतीय नागरिकों को कंबोडिया भेज दिया गया था, जिन्हें म्यांमार और बैंकॉक में काम करने वाली चीनी कंपनियों में भेजा गया है. पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए करीब 360 भारतीय नागरिकों को रेस्क्यू किया है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

आंध्र प्रदेश विशाखापत्तनम में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें पता चला है कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग के जरिए भारतीय नागरिकों को कंबोडिया भेजा जा रहा  था. इन्हें कंबोडिया में चीनी हैंडलर्स ने बंधक बना रखा है. इस मामले में पुलिस ने कंसल्टेंसी एजेंटों के एक गिरोह को गिरफ्तार किया है, जो बेरोजगार युवाओं को विदेश में साइबर अपराध करने के लिए गलत तरीके से ले गए थे.

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IPS डॉ. ए रविशंकर के मुताबिक विशाखापत्तनम के एजेंट्स ने शानदार कमाई वाली डेटा एंट्री की नौकरियों का लालच देकर इन भारतीय नागरिकों को बेवकूफ बनाया. एजेंट्स ने उन्हें लालच देकर कंबोडिया भेज दिया. इन्हें म्यांमार और बैंकॉक में काम करने वाली चीनी कंपनियों में भेजा गया. पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए करीब 360 भारतीय नागरिकों को रेस्क्यू किया है.

अधिकारियों के सामने उठाया मुद्दा
अब कंबोडिया का भारतीय दूतावास नागरिकों के संपर्क में है. इन्हें 20 मई 2024 को कंबोडियाई अधिकारियों ने जिनबेई-4 नामक स्थान से निकाला. इन भारतीय नागरिकों की तत्काल स्वदेश वापसी के लिए मामले को उच्चतम स्तर पर कंबोडियाई अधिकारियों के साथ उठाया गया है. कंबोडियाई अधिकारियों ने हमें सूचित किया है कि लगभग 60 भारतीय नागरिकों को आज एसएचवी से नोम पेन्ह भेजा गया है ताकि उन्हें यात्रा दस्तावेजों आदि के लिए दूतावास की सहायता से भारत वापस भेजा जा सके.

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360 से ज्यादा भारतीयों को बचाया
दूतावास ने कंबोडिया में नौकरी चाहने वाले भारतीयों को सचेत करने के लिए कई सलाह जारी की हैं. उन्हें अनधिकृत एजेंटों के शिकार न बनने की चेतावनी दी गई है. भारतीय नागरिकों को आगाह किया गया है कि वे उस उद्देश्य के विपरीत गतिविधियों में शामिल न हों जिसके लिए मेजबान सरकार द्वारा वीजा दिया जाता है जैसे कि 'पर्यटक वीजा' पर रोजगार की तलाश. उन्हें अवैध साइबर अपराध न करने और दूतावास और कंबोडियाई हॉटलाइन नंबरों तक पहुंचने की भी सलाह दी गई है.  यह भी कहा गया है कि भारत सरकार और भारतीय दूतावास बेईमान तत्वों के माध्यम से घोटाले केंद्रों में फंसे भारतीय नागरिकों को हर संभव मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है. अब तक मिशन के हस्तक्षेप के माध्यम से 360 से अधिक भारतीय नागरिकों को बचाया/भारत वापस लाया गया है.

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