एक तरफ देश में कोरोना वायरस के खिलाफ युद्धस्तर पर टीकाकरण शुरू हो गया है, दूसरी तरफ भारत ने अपने पड़ोसी देशों की ओर भी मदद का हाथ बढ़ाया है. भारत अपने करीब 10 पड़ोसी देशों को वैक्सीन सप्लाई करने जा रहा है. इनमें से भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और सेशेल्स को वैक्सीन भेजी जा रही है, जबकि श्रीलंका, अफगानिस्तान, और मॉरिशस से बातचीत चल रही है.
अब तक भारत के कई पड़ोसी देश भारत में बनी कोरोना वैक्सीन की डिमांड कर चुके हैं. भारत ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए भूटान और मालदीव को पहली खेप सप्लाई भी कर दी है. इस तरह भूटान और मालदीव भारत से वैक्सीन लेने वाले पहले देश बन गए हैं.
शुरू हुई वैक्सीन की सप्लाई
महामारी के वक्त भी भारत ने अपना पड़ोसी धर्म निभाते हुए अपनी 'नेबर्स फर्स्ट' की नीति के साथ रहा और मालदीव और भूटान को पहले दो देशों के रूप में चुना, जिन्हें 20 जनवरी को कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध कराई जा रही है.
बुधवार की सुबह वैक्सीन की 1,50,000 डोज भूटान पहुंची और दोपहर बाद 1,00,000 डोज मालदीव पहुंच गई. गुरुवार को बांग्लादेश और नेपाल को वैक्सीन की पहली खेप मिल जाएगी, जबकि म्यांमार और सेशेल्स को उनकी पहली खेप शुक्रवार को मिलेगी.
भूटान पहला देश है जिसे भारत सरकार की तरफ से सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया निर्मित कोविडशील्ड वैक्सीन बतौर गिफ्ट मिली है. हालांकि, इसी दिन मालदीव को भी वैक्सीन मिल गई.
कोरोना से निपटने में मदद, दवाइयां, टीके और फंड के अलावा भूटान सरकार के अनुरोध पर भारत ने कोरोना की वजह से उपजीं चुनौतियों का सामना करने के लिए 501 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड भी जारी किया है.
भारत की 'वैक्सीन मैत्री'
इसे 'वैक्सीन मैत्री' बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “वैश्विक समुदाय की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए लंबे समय से एक भरोसेमंद साझेदार के रूप में भारत को गर्व है. कई देशों को कल से वैक्सीन सप्लाई शुरू हो जाएगी और आने वाले दिनों में जारी रहेगी. #VaccineMaitri”
India is deeply honoured to be a long-trusted partner in meeting the healthcare needs of the global community. Supplies of Covid vaccines to several countries will commence tomorrow, and more will follow in the days ahead. #VaccineMaitri https://t.co/9Czfkuk8h7
— Narendra Modi (@narendramodi) January 19, 2021
भारत में 16 जनवरी को ही टीकाकरण की शुरुआत हुई और 20 जनवरी को भारत ने अपने छह पड़ोसी देशों में से भूटान और मालदीव को वैक्सीन की आपूर्ति शुरू कर दी.
विदेश मंत्रालय से जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया है, “भारत सरकार को पड़ोसी और प्रमुख भागीदार देशों से भारत में निर्मित वैक्सीन की सप्लाई के लिए अनुरोध प्राप्त हुए हैं. इनके जवाब में, कोरोना महामारी से लड़ने में मानवता की मदद करने के लिए भारत की वैक्सीन उत्पादन और वितरण क्षमता का इस्तेमाल करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए भारत 20 जनवरी 2021 भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और सेशेल्स को आपूर्ति शुरू कर देगा.”
मंत्रालय ने कहा, “श्रीलंका, अफगानिस्तान और मॉरीशस के संबंध में हम जरूरी नियामक मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं.”
मालदीव को प्राथमिकता
सूत्रों ने कहा, “मालदीव में वैक्सीन की सप्लाई नवंबर 2020 में मालदीव की यात्रा के दौरान विदेश सचिव द्वारा की गई प्रतिबद्धता को पूरा करती है, जब उन्होंने घोषणा की थी कि एक करीबी साथी और मित्र के रूप में भारत जब भी वैक्सीन तैयार करेगा तो मालदीव को प्राथमिकता देगा.”
इस बीच, भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने एक बयान में कहा कि उनका देश सभी लक्षित आबादी के लिए डोज उपलब्ध होने का इंतजार कर रहा है. उन्होंने कहा, “सभी लोगों का एक साथ टीकाकरण करने की योजना है, इसलिए हम देशव्यापी टीकाकरण कार्यक्रम को केवल तभी रोलआउट करेंगे जब हमारे पास पूरी आबादी के लिए पर्याप्त डोज हो.”
भारत ने महामारी से निपटने में मालदीव के साथ मिलकर काम किया है. सभी पड़ोसियों में मालदीव हमारी कोरोना संबंधित मदद का सबसे बड़ा और पहला लाभार्थी है. इसमें वुहान से मालदीव के लोगों को बाहर निकालने से लेकर जरूरी चीजों तक की सप्लाई तक शामिल है.
भारत की पॉलिसी 'नेबरहुड फर्स्ट'
इधर भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है, “एक सतत प्रयास के रूप में भारत दुनिया भर के देशों को वैक्सीन की आपूर्ति जारी रखेगा. इसे घरेलू जरूरतों, अंतरराष्ट्रीय मांग और दायित्वों को ध्यान में रखते हुए संशोधित किया जाएगा.”
भारत में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और सबसे कमजोर लोगों को कवर करने के लिए चरणबद्ध तरीके से टीकाकरण कार्यक्रम लागू किया जा रहा है. चरणबद्ध तरीके से टीकाकरण की घरेलू जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भारत आने वाले हफ्तों और महीनों में में भी वैक्सीन की आपूर्ति जारी रखेगा. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वैक्सीन निर्माताओं के पास विदेश में आपूर्ति करते समय घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त स्टॉक मौजूद हों.
इसके पहले महामारी के दौरान भारत ने बड़ी मात्रा में कई देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, रेमडेसिविर और पैरासिटामॉल जैसी दवाइयों के साथ डायग्नोस्टिक किट, वेंटिलेटर, मास्क, दस्ताने और अन्य मेडिकल सामान की आपूर्ति की थी. इसके अलावा भारत कई पड़ोसी देशों में क्लिनिकल ट्रायल को मजबूत करने के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चला रहा है.
भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी इसकी ‘नेबरहुड फर्स्ट’ पॉलिसी का एक और सबूत है और मालदीव को इसमें खास तवज्जो मिली है. जून 2019 में मालदीव की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ‘नेबरहुड फर्स्ट’ हमारी प्राथमिकता है और नेबरहुड में मालदीव प्राथमिकता है'.