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लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर हालिया टकराव के बाद चीन की खुराफात कम होने का नाम नहीं ले रहीं. भारत में आतंकवादियों की घुसपैठ के लिए पाकिस्तान को जहां चीन से हथियारों और अन्य सामान का समर्थन मिल रहा है, वहीं नेपाल में बॉर्डर इलाकों में चीन युवाओं का माइंडवाश करने के लिए स्टडी सेंटर्स खोल रहा है, जहां उन्हें चीनी भाषा सिखाई जा रही है. ऐसे में इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) पूरी तरह चौकस है. चीन की चालबाजियों पर हर तरह के मौसम और दिन के चौबीसों घंटे नजर रखने के लिए ITBP ने कई अहम कदम उठाए हैं.
गृह मंत्रालय के सूत्रों से आजतक/इंडिया टुडे को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक चीन की छोटी से छोटी हरकत पर भी बाज की तरह पैनी निगाहें रखी जाएंगी. इसके लिए एक बड़ा प्लान तैयार हुआ है. इस प्लान के मुताबिक चीन से लगती सरहद पर जगह जगह कॉम्प्रिहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेंजमेंट सिस्टम(CIBMS) एक्टिवेट किया जाएगा. ये सिस्टम भारत -पाक बॉर्डर और भारत- बांग्लादेश बॉर्डर से अलग किस्म का होगा क्योंकि इस सरहद की भौगोलिक स्थिति अलग है.
सूत्रों का कहना है कि भारत-चीन सरहद पर वहां के टेरेन्स और ऊंचाई वाली जटिलताओं को देखते हुए CIBMS को "दर्रो" यानी "पास" में एक्टिवेट किया जा रहा है. सूत्रों ने ये भी बताया कि कई जगहों पर ये काम पूरा भी हो चुका है.
ITBP के CIBMS से जुड़े प्लान पर रक्षा जानकारों का कहना है कि इसकी जरूरत बहुत पहले से थी. रक्षा जानकार मेजर जनरल (रिटायर्ड) एस पी सिन्हा ने कहा, “इसे सरहद पर एक्टिवेट करने से आने वाले दिनों में काफी फायदा होगा. इसकी जरूरत बहुत पहले से थी, लेकिन अब दर्रों पर इस तरह की व्यवस्था की जा रही है. ITBP ट्रूप्स सरहद पर सबसे आगे रहते हैं. उनके पास अब इस तरह का सिस्टम होगा जिससे वो सरहद के पार किसी भी तरह की गतिविधि की तुरंत जानकारी ले सकेंगे. इससे ये फैसला लिया जा सकेगा कि त्वरित कार्रवाई कैसे की जाए."
किन-किन दर्रों में होगा सिस्टम एक्टिवेट?
ITBP के पास 3448 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सरहद की निगरानी का जिम्मा है. ये सरहद लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, अरुणांचल प्रदेश और उत्तराखंड से मिलती है. भारत चीन बॉर्डर पर लगभग 23 दर्रे हैं. इन सभी दर्रो की निगरानी के लिए इनके आसपास ITBP पोस्ट मौजूद हैं. गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इन सभी दर्रो पर ‘राउंड द क्लॉक’ निगरानी होगी, जिससे रियलटाइम तस्वीर मिलती रहे. जानिए, किन-किन दर्रों में ITBP ने CIBMS को एक्टिवेट किया है.
उत्तराखंड- लिपुलेश, माणा, नीति, मंगसा धुरा, टी सांग चोकला, मुलिंगला, तुंजुन ला
हिमाचल प्रदेश- बरालचा, देबसा, शिपकी ला
सिक्किम- नाथुला, नाकुला, जेलेप ला
अरुणाचल प्रदेश- बोमडिला, दिहंग, लोंगजू, यंग याप, कुंजवंग,तुंगधारा, जेचाप ला, दिफू ला
लद्दाख- काराकोरम
सूत्रों ने आजतक/इंडिया टुडे को बताया कि इस कॉम्प्रिहेंसिव इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस सिस्टम में कई तरीक़े के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स लगाए जा रहे हैं. ये सब इसलिए हो रहा है क्योंकि चीन इन्ही रास्तों से हिकाकत की कोशिश में रहता है. अब इन रास्तों पर हमेशा इस तीसरी आंख से नज़र रहेगी.
कैसे होगी इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस?
चीन पर हर पल नजर रखने वाली तीसरी आंख यानि इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस सिस्टम में ये गैजेट्स शामिल रहेंगे.
- लॉरस(Lorros) रडार
- PTZ (Pan Tilt Zoom) कैमरा
-लॉन्ग रेंज PTZ कैमरा
-रिमोट ऑपरेटेड वेहिकल
-ड्रोन(Tethered-Unmanned-Aerial vehichle)
-नाईट विजन कैमरे(थर्मल इमेजर)
-दिन में ऑपरेट होने वाले कैमरे(सीसीडी टाइप)
-UGS(Unattended Ground Sensor)
ज्यादा ऊंचाई पर स्थित चौकियों पर जवानों की आवाजाही के लिए हेलीकॉप्टर
बता दें कि ITBP के पूर्व डीजी आरके पंचनंदा ने ITBP के 57 वें स्थापना दिवस के मौके पर कॉम्प्रिहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम लगाने के प्लान के बारे में जानकारी दी थी. भारत और चीन के बीच लद्दाख में पिछले कई महीनों से जिस तरह गतिरोध जारी है, ऐसे में ITBP की ओर से भी सुरक्षा मजबूत करने को कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही. ITBP सूत्रों ने ये भी बताया है कि चीन से लगती सरहद पर 72 चौकियां(पोस्ट) ऐसी है जिनकी ऊंचाई 12 हज़ार से 18 हजार फ़ीट के बीच है. यहां आवाजाही जैसी दिक्कतों को देखते हुए एक और अहम कदम उठाया जा रहा है. यहां जवानों के लिए वेट लीजिंग पर 2 हेलीकॉप्टर्स आने वाले समय में ITBP के पास होंगे, सूत्रों के मुताबिक एक हेलीकॉप्टर लद्दाख में और दूसरा अरुणाचल प्रदेश में होगा.