संसद में विपक्ष तवांग मुद्दे को लेकर चर्चा करना चाहता है, लेकिन जब इस पर चर्चा नहीं हुई तो विपक्षी दलों ने वॉकआउट कर दिया. इसको लेकर आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि सरकारें आएंगी, जाएंगी, लेकिन देश एक रहेगा. उन्होंने कहा कि अपनी सेना को ताकत देने के लिए जरूरी है कि कल हमें क्लैरिफिकेशन पूछने की इजाजत मिलती.
आरजेडी सांसद ने आरोप लगाया कि सदन से डिप्टी स्पीकर साहब ने cherry picking (सबूतों को दबाने की कोशिश) की. उन्होंने 1962 क्यों नहीं याद किया? जब हम युद्ध में थे और पंडित नेहरू ने कहा कि इस पर बहस होगी. इस पर पूरी और तीखी बहस हुई, लेकिन पूरा सदन अपनी सेना के पीछे खड़ा रहा. हम सब अपनी सेना के पक्ष में हैं, लेकिन उन्हीं के हित के लिए देशहित के लिए आवश्यक है कि हमें क्लैरिफिकेशन पूछने की इजाजत मिलती. मनोज झा ने पूछा कि सरकार को किस बात का डर है?
खड़गे की बैठक में शामिल हुए 17 दल
चीन के मुद्दे पर मोदी सरकार के संसद में घेरने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी पार्टियों की एक अहम बैठक बुलाई. मल्लिकार्जुन खड़गे की तरफ से समान विचारधारा वाले 17 विपक्षी दलों को न्योता भेजा गया था और सभी 17 दलों के नेताओं ने बैठक में शिरकत की. डीएमके, सपा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, शिवसेना, सीपीएम, सीपीआई, जेडीयू, एनसीपी, वीसीके, मुस्लिम लीग, केरल कांग्रेस, एआईडीयूएफ, एमडीएमके, आरएलडी, आरजेडी, केसीआर और आम आदमी पार्टी शामिल हुई.
मोदी सरकार को घेरने के लिए बनाई रणनीति
मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुवाई में हुई बैठक के दौरान विपक्षी दलों ने भारत-चीन तनाव के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने के लिए रणनीति बनाई. इसकी वजह यह है कि विपक्ष द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि सदन में भारत-चीन तनाव मुद्दे पर उन्हें अपनी बात रखने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया जा रहा है. विपक्ष सरकार से भी जिस प्रकार के जवाब की उम्मीद लगाए है, वो नहीं मिला. ऐसे में सरकार को किस प्रकार से घेरा जाए, इसके लिए 17 विपक्षी दलों ने बैठक कर रणनीति बनाई.
राजनाथ सिंह ने संसद में दी थी जानकारी
राजनाथ सिंह ने कहा था कि नौ दिसंबर 2022 को PLA सैनिकों ने अरुणाचल के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में एलएसी पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास किया. चीन के इस प्रयास का हमारी सेना ने दृढ़ता के साथ सामना किया. इस दौरान दोनों पक्ष आमने सामने आ गए. हाथापाई भी हुई. इस झड़प में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें आईं. लेकिन मैं सदन को बताना चाहता हूं कि झड़प में हमारे किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ.