भारत पाकिस्तान के बीच साल 1971 में हुए युद्ध की 50 वर्षगांठ के मौके पर प्रधानमंत्री आज यानी बुधवार को दिल्ली में वॉर मेमोरियल पर शहीदों श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. गौरवशाली जीत की गोल्डेन जुबली के मौके पर रक्षा मंत्री भी वॉर मेमोरियल पर मौजूद होंगे.
विजय दिवस के मौके पर पीएम मोदी 'विजय ज्योति यात्रा' को यात्रा को दिल्ली से रवाना करेंगे. इस दौरान रक्षा मंत्री के साथ, तीनों सेनाओं के प्रमुख और सीडीएस बिपिन रावत भी मौजूद रहेंगे.
गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1971 में हुए युद्ध में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी. भारतीय सेना के जवानों के सामने पाकिस्तानी सेना ने बिना शर्त सरेंडर किया था. पाकिस्तान के जनरल अमीर अब्दुल्ला खान नियाजी के नेतृत्व में लगभग 93000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था. शिमला समझौते के हिस्से के रूप में उन्हें वापस लौटाया गया था.
बता दें कि इस युद्ध के बाद ही पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश अलग देश बना. पूर्वी पाकिस्तान आजाद होने के बाद यह नया देश अस्तित्व में आया. पाकिस्तान के खिलाफ जंग में जीत और बांग्लादेश की आजादी के बाद से भारत 16 दिसंबर की तारीख को विजय दिवस के तौर पर मनाता है.
इस युद्ध की शुरुआत 3 दिसंबर को पाकिस्तान की तरफ से भारतयी वायुसेना के 11 स्टेशनों पर हमला करने के बाद हुई थी. पाकिस्तान की इस नापाक हरकत के बाद भारत ने बंगाली राष्ट्रवादी गुटों का समर्थन शुरू कर दिया था.पाकिस्तान में अत्याचार झेल रहे लोगों की भारत के मदद करने पर पाकिस्तान बौखलाया हुआ था. 1970 में पाकिस्तान में हुए आम चुनाव के बाद से चीजें और बिगड़ी जिसके बाद पाकिस्तान में युद्ध के हालात बनें. पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया और जवाब में उसे बांग्लादेश के तौर पर बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी.