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55 साल की सर्विस के बाद रिटायर हुआ INS विराट, जानें-क्या होगा अब इस वॉरशिप का

पिछले हफ्ते ही INS Viraat मुंबई स्थित डॉकयार्ड से गुजरात के अलांग कोस्ट पहुंचा था. 28 सितंबर को यहां 'थैंक्यू विराट' शीर्षक के साथ एक आयोजन किया गया. इस आयोजन में केंद्रीय शिपिंग मंत्री मनसुख मांडविया समेत भारतीय नेवी के तमाम अफसर भी मौजूद रहे. 

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INS Viraat (फोटो-PTI)
INS Viraat (फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नीलामी में बिक गया INS Viraat
  • अब हो जाएगा कबाड़े में तब्दील
  • जल्द शुरू होने वाला है खोलने का काम

एक तरफ भारत जहां आधुनिक उपकरणों से लगातार अपनी सैन्य क्षमता में इजाफा कर रहा है वहीं दूसरी तरफ उसका सबसे अनुभवी वॉरशिप आईएनएस विराट (INS Viraat) रिटायर हो गया है. दुनिया में सबसे ज्यादा वक्त तक सर्विस देने वाले इस वॉरशिप को अब पुर्जा-पुर्जा किये जाने की तैयारी हो चुकी है.

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पिछले हफ्ते ही INS Viraat मुंबई स्थित डॉकयार्ड से गुजरात के अलांग कोस्ट पहुंचा था. 28 सितंबर को यहां 'थैंक्यू विराट' शीर्षक के साथ एक आयोजन किया गया. इस आयोजन में केंद्रीय शिपिंग मंत्री मनसुख मांडविया समेत भारतीय नेवी के तमाम अफसर भी मौजूद रहे. 

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि इस दौरान श्री राम ग्रुप के अधिकारियों ने बताया कि गुजरात मैरीटाइम बोर्ड और जीपीसीबी द्वारा एक बार और शिप की पड़ताल की जाएगी और उसके बाद इसे अलग करने की प्रक्रिया यानी खोलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. अगले महीने तक शिप को किनारे ले आया जाएगा और फिर उसके पुर्जे खोलने शुरू कर दिए जाएंगे. यानी भारतीय नेवी का यह शानदार जहाज अब कबाड़ में तब्दील हो जाएगा. 

गौरतलब है कि ये शिप 2017 में भारतीय नेवी से रिटायर हो गया था जिसके बाद इसे बेच दिया गया. इसी साल जुलाई में लगी बोली के दौरान श्री राम ग्रुप ने शिप 38.54 करोड़ रुपये में खरीदा था. भारतीय नेवी में आईएनएस विराट 1987 में शामिल किया गया था. 

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दुनिया में सबसे ज्यादा वक्त तक सर्विस देने का रिकॉर्ड आईएनएस विराट के नाम है. भारत में ये दूसरी वॉरशिप जिसे डिस्मेंटल किया जा रहा है. इससे पहले 2014 में INS विक्रांत को मुंबई में डिस्मेंटल किया गया था. हालांकि, आईएनएस विराट को एक म्यूजियम के तौर पर बनाए रखने का भी प्रस्ताव पहले आया था, लेकिन एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट में बताया गया कि ये शिप पहले ही लंबे समय तक सेवाएं दे चुका है और इसमें जो मैटेरियल इस्तेमाल किया गया है वो 10-15 साल तक ही बच पाएगा. जिसके बाद नेवी से विचार-विमर्श कर आईएएस विराट को बेचने को फैसला किया गया.

अब आईएनएस विराट को डिस्मेंटल करने की पूरी तैयारी हो चुकी है. जल्द ही इसे खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.


 

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