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सारी दुनिया आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women day) मना रही है. महिलाओं को समर्पित यह दिन हर मायने में खास है. आज के दौर में महिलाएं नई बुलंदियों को छू रही हैं. हर क्षेत्र में महिलाओं का दबदबा देखने को मिल रहा है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हम आपको एक ऐसी ही खास महिला की कहानी से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिन्होंने कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग के क्षेत्र में न सिर्फ नाम कमाया है बल्कि इससे खुद को एक अलग पहचान दी है.
यह कहानी है संध्या रमन की. संध्या पिछले 30 वर्षों से कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग के क्षेत्र में काम कर रही हैं. वो संध्या रमन ही हैं जिन्होंने 26 जनवरी 2022 की भव्य परेड में पहनी गई सभी कॉस्टयूम को इंद्रधनुष के रंगों में रंगा और सजाया था. परेड में पहनी गई खास इंद्रधनुषी कॉस्टयूम ने पूरे हिंदुस्तान का मन मोह लिया था.
भारत सरकार कर चुकी है संध्या को सम्मानित
संध्या ने अपनी डिजाइन के जरिए समाज में अपनी हिस्सेदारी और जिम्मेदारी दोनों बखूबी निभाई है. संध्या को काम को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें स्त्री शक्ति पुरस्कार से नवाज था. संध्या पूरे विश्व भर में अपने बनाए गए कॉस्टयूम डिजाइन की वजह से जानी जाती है, लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित करते हैं उनके बनाए गए रीसाइकिलेबल कपड़े.
चूंकि कॉस्ट्यूम इंडस्ट्री से निकलने वाला वेस्ट सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाता है और पर्यावरण को हानि पहुंचाता है. इसलिए उन्होंने रीसाइकिलेबल कपड़े का नया कांस्पेट तैयार किया. फालतू बचे कपड़ों से संध्या जैकेट, शर्ट जैसे कई कपड़े बना चुकी हैं, ताकि कपड़ों से होने वाले वेस्ट को कम किया जा सके.
लहंगों पर भी किए अनोखे प्रयोग
सिर्फ नॉर्मल ड्रेसिंग ही नहीं संध्या ने शादी में पहने जाने वाले लहंगों को भी इस तरह से डिजाइन किया है कि वह दोबारा अलग तरीके से स्टाइल करके पहने जा सकें. कोरोना के लिए संध्या ने एक अलग तरीके के AARMR नामक मास्क डिजाइन किए थे. इन मास्कों के अंदर चेंजेबल फिल्टर लगा हुआ है, जिन्हें ज्यादा से ज्यादा बार इस्तेमाल किया जा सकता है.
संध्या रमन बताती है कि आजकल का जमाना जहां सब कुछ ट्रेंड के हिसाब से चलता है ऐसे में बेहद जरूरी है की ऐसे कपड़े खरीदे जाएं जिनको कई तरीके से स्टाइल किया जा सके. वह स्पेशली एबल्ड लोगों को काम देती है और लोकल आर्टिसंस को बढ़ावा भी देती हैं.
विजुअली इंपेयर्ड के साथ काम करती हैं संध्या
संध्या रमन के पास काम करने वाले लोग विजुअली इंपेयर्ड भी है, यानी जिन्हें देखने में समस्या हो. अपने कपड़ों की डिजाइनिंग के लिए संध्या देश में गांवों, शहरों और जिला स्तर पर घूमती हैं ताकि लोकल छाप को दुनिया के सामने लाया जा सके.
संध्या रमन के डिजाइंस को बैटरी डांस कंपनी न्यू यॉर्क, नृत्य डांस थिएटर शिकागो, भारत कला अकैडमी अटलांटा में प्रदर्शित किया जा चुका है. आज के दौरान में संध्या रमन महिला सशक्तिकरण की एक मिसाल कहीं जा सकती हैं, जो दुनिया की लड़कियों, महिलाओं को एक उम्मीद दे रही हैं.