अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब कोरोना के अदृश्य वायरस ने दुनिया में दस्तक दी थी, तब कोई भी देश साधनों से, सामर्थ्य से और मानसिक अवस्था से इसके लिए तैयार नहीं था, ऐसे समय में योग आत्मबल का बड़ा साधन बना, योग ने लोगों ने भरोसा जताया कि हम इस बीमारी से लड़ सकते हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि डेढ़ वर्षों में भारत समेत कितने ही देशों ने बड़े संकट का सामना किया, दुनिया के अधिकांश देशों के लिए योग दिवस उनका सदियों पुराना सांस्कृतिक पर्व नहीं है, इस मुश्किल समय में इतनी परेशानी में लोग इसे आसानी से भूल सकते थे, लेकिन लोगों में योग का उत्साह और बढ़ा है.
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज मेडिकल साइंस भी उपचार से साथ-साथ हीलिंग पर भी उतना ही बल देता है और योग हीलिंग प्रोसेस में उपकारक है, मुझे संतोष है कि आज योग के इस पहलू पर दुनियाभर के विशेषज्ञ अनेक प्रकार के साइंटिफिक रिसर्च भी कर रहे हैं.
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पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि महान तमिल संत श्री तिरुवल्लुवर जी ने कहा कि अगर कोई बीमारी है तो उसकी जड़ तक जाओ, बीमारी की वजह क्या है वो पता करो, फिर उसका इलाज शुरू करो, भारत के ऋषियों ने, भारत ने जब भी स्वास्थ्य की बात की है, तो इसका मतलब केवल शारीरिक स्वास्थ्य नहीं रहा है, इसीलिए योग में फिजिकल हेल्थ के साथ साथ मेंटल हेल्थ पर इतना जोर दिया गया है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि योग सिर्फ शारीरिक शक्ति ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी चुस्त-दुरुस्त करता है. पीएम मोदी ने कहा कि योग हमें स्ट्रेस से स्ट्रेंथ और नेगेटिविटी से क्रिएटिविटी का रास्ता दिखाता है. योग हमें अवसाद से उमंग और प्रमाद से प्रसाद तक ले जाता है.
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— AajTak (@aajtak) June 21, 2021
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब भारत ने यूनाइटेड नेशंस में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था, तो उसके पीछे यही भावना थी कि ये योग विज्ञान पूरे विश्व के लिए सुलभ हो, आज इस दिशा में भारत ने यूनाइटेड नेशंस, WHO के साथ मिलकर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है, अब विश्व को, M-Yoga ऐप की शक्ति मिलने जा रही है, इस ऐप में कॉमन योग प्रोटोकॉल के आधार पर योग प्रशिक्षण के कई विडियोज दुनिया की अलग अलग भाषाओं में उपलब्ध होंगे.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सबको साथ लेकर चलने वाली मानवता की इस योग यात्रा को हमें ऐसे ही अनवरत आगे बढ़ना है, कोई भी स्थान हो, कोई भी परिस्थिति हो, कोई भी आयु हो, हर एक के लिए योग के पास कोई न कोई समाधान जरूर है.