भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे अतुल और राजेश गुप्ता (Gupta Brothers) के खिलाफ इंटरपोल (Interpol) ने रेड नोटिस जारी किया है. लेकिन रेड नोटिस से उनकी पत्नियों आरती और चेताली गुप्ता को फिलहाल राहत मिली है. इंटरपोल को शक है कि गुप्ता ब्रदर्स दुबई में छिपे हुए हैं.
दक्षिण अफ्रीका सरकार ने लगभग 7 महीने पहले भारत सरकार से गुप्ता ब्रदर्स के खिलाफ रेड नोटिस जारी करने का अनुरोध किया था. बता दें कि एक रेड नोटिस सभी इंटरपोल सदस्य देशों को आगाह करता है कि यह व्यक्ति एक वांछित भगोड़ा है. इससे आरोपी को प्रत्यर्पित करने की कार्रवाई को मजबूती मिलती है.
क्या है पूरा मामला?
अतुल, राजेश और उनके बड़े भाई अजय पर आरोप लगा है कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा से अपने करीबी का फायदा उठाया और सरकारी निगमों में अरबों रैंड की हेराफेरी को अंजाम दिया.
गुप्ता परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का रहने वाला है. दक्षिण अफ्रीका की कई कंपनियों की कमान उनके हाथों में है. रिपोर्ट्स के मुताबिक गुप्ता ब्रदर्स के परिवार के कुछ सदस्य भारत में भी रहते हैं, लेकिन उन्होंने इस तरह के आरोपों से इनकार किया है. सरकारी निगमों में अरबों रैंड की हेराफेरी के आरोप में दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रीय अभियोजन प्राधिकरण (एनपीए) कई सालों से गुप्ता ब्रदर्स को प्रत्यर्पित करने की कोशिश कर रही है.
इंटरपोल द्वारा रेड नोटिस जारी किए गए जाने के बाद दक्षिण अफ्रीका के न्याय मंत्री रोनाल्ड लामोला ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि इससे न्याय को अपना काम करने की इजाजत मिलेगी.
जानकारी के मुताबिक गुप्ता बंधुओं के पिता शिव कुमार गुप्ता सहारनपुर में टैलकम पाउडर में इस्तेमाल होने वाले सोपस्टोन पाउडर का डिस्ट्रीब्यूशन करते थे. फिर उनके बेटे कुछ समय बाद दिल्ली आए है और मसालों का कारोबार शुरू किया. लेकिन साल 1993 में बिजनेस में नए मौके तलाशने के मकसद से ये दक्षिण अफ्रीका चले गए. जहां इन्होंने कंप्यूटर बिजनेस से लेकर माइनिंग और मीडिया तक का काम शुरू कर दिया और हर काम में सफल रहे. इसी दौरान गुप्ता ब्रदर्स ने सरकारी निगमों हेराफेरी को अंजाम दिया.
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