हाल ही में हुए चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी खराब रहा था. असम और केरल में वापसी की उम्मीद लगाई कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. वहीं, कांग्रेस का पश्चिम बंगाल में खाता तक नहीं खुला. पुडुचेरी में कुछ समय पहले सत्ता में होने के बाद कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. तमिलनाडु में द्रमुक की अगुवाई वाले उसके गठबंधन को जीत मिली.
कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर सीधी बात कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि पार्टी को आत्मचिंतन की जरूरत है. उन्होंने ममता बनर्जी को यूपीए की लीडरशिप देने सवाल पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि यूपीए को बैठकर इसपर फैसला करना पड़ेगा.स्थिति सभी को पता है. किसी ने आंख बंद नहीं की हैं.
दरअसल, प्रभु चावला ने कहा कि दमोह का उपचुनाव कांग्रेस ने जीता इसका असर वहां की राजनीति पर पड़ने वाला नहीं है क्योंकि मध्य प्रदेश की सरकार काफी मजबूत स्थिति में है. इससे पहले के उपचुनाव में बीजेपी ने आपको हराया है जिससे लगता है कि वहां की जनता बीजेपी के साथ है. इस पर कमलनाथ ने कहा कि दमोह का जो चुनाव था. उससे दमोह की जनता ने एक संदेश दिया है कि ये सौदेबाजी की राजनीति नहीं चलेगी. बीजेपी ने 15 मंत्रियों का उपयोग किया. जो परिणाम सामने आए सब जानते हैं.
इस पर प्रभु चावला ने कहा कि अगर दमोह उपचुनाव के नतीजे संदेश हैं तो फिर आपका नहीं लगता कि पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे भी एक संदेश हैं कि कांग्रेस अप्रासंगिक है. कांग्रेस आईसीयू में है फिलहाल?
इस सवाल के जवाब में कमलनाथ ने कहा कि ये बात सही है कि कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन नहीं था. हमें आत्मचिंतन की आवश्यकता है. असम में हम हारे, केरल में भी हारे. पर बीजेपी भी तो नहीं जीती केरल में. बंगाल में ममता ने जीत दर्ज की. कांग्रेस को आत्मचिंतन की जरूरत है. कांग्रेस के एक नए नजरिए से अपने संगठन को देखना चाहिए. कैसे हम वहां के नेताओं से कार्यकर्ताओं से चर्चा करेंगे. मुझे विश्वास है कि सोनिया गांधी जी इसपर जरूर सबसे चर्चाएं करेंगी. हमें इसका एक निचोड़ निकालना होगा.