77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ईशा फाउंडेशन ने भारतीय सेना की दक्षिणी कमान के सहयोग से 'तनाव प्रबंधन और समग्र खुशहाली के लिए योग' कार्यक्रम शुरू किया. कमान के अंतर्गत आने वाले 9 राज्यों में 23 से अधिक स्थानों पर 10,000 से अधिक सैनिकों के लिए प्रशिक्षण हफ्ते भर तक चलेगा. यह मुफ्त होगा. इसका मकसद सैनिकों के लिए समग्र खुशहाली लाना है. क्योंकि वो चुनौतीपूर्ण स्थितियों में काफी तनाव से गुजरते हैं.
ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु ने एक वीडियो संदेश में कहा कि सैनिकों के रूप में आपने अपने शारीरिक फिटनेस और खुशहाली के लिए काफी कुछ किया है, लेकिन अपने भीतर एक अलग स्तर की मानसिक और ऊर्जावान क्षमता लाने के लिए योग की तकनीकें काम आ सकती हैं. हम पहले ही हजारों सैनिकों और अन्य सैन्य-बलों को यह योग प्रक्रिया सिखा चुके हैं. हमने सैन्य-बलों में 300 से अधिक योग प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया है. अब हम इसे दक्षिणी कमान को पेश करना चाहते हैं, जो एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
सद्गुरु ने बाद में ट्वीट किया कि अपनी जान की परवाह किए बिना हमारे सशस्त्र बलों के पुरुष और महिलाएं राष्ट्र के प्रति उच्चतम समर्पण और श्रेष्ठ सेवा प्रदान कर रहे हैं. भारतीय सेना की दक्षिणी कमान को ईशा शास्त्रीय हठ योग प्रदान करना सम्मान की बात है. यह आपके भीतर एक अलग स्तर की मानसिक क्षमता और ऊर्जा लाएगा. आपके प्रदर्शन और आपके जीवन में भिन्न बदलाव लाएगा.
दक्षिणी कमान के लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह, एवीएसएम, वाईएसएम, एसएम, वीएसएम, जीओसी-इन-सी, ने समारोह का उद्घाटन किया. भारतीय सेना में मानसिक खुशहाली के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि आम तौर पर समाज और विशेष रूप से भारतीय सेना में फैले मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों को सुधारने के लिए कैसे योग का उपयोग किया जा सकता है.
लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह ने कहा कि ऐसे समय जब तनाव, आत्महत्याओं और वैवाहिक कलह बढ़ रहे हैं, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम अपनी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत से दोबारा जुड़ें. हमें हमारी संस्कृति से जुड़ने में मदद करने के लिए मैं सद्गुरु का आभारी हूं.
जीओसी-इन-सी ने दर्शकों को पंचकोश सिद्धांत के अनुसार अस्तित्व के अग्नि आवरण के बारे में बताया. भारतीय सेना के जवानों की मानसिक खुशहाली के प्रयासों में शामिल होने के लिए ईशा फाउंडेशन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की.
ईशा हठ योग शिक्षक, जो तमिलनाडु के कोयंबटूर में ईशा योग केंद्र में 21-सप्ताह के गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम से गुजर चुके हैं, सैनिकों को सूर्य क्रिया और अंगमर्दन जैसे शास्त्रीय हठ योग अभ्यास सिखाएंगे. सैनिक नाड़ी शुद्धि भी सीखेंगे. आधुनिक जीवन की व्यस्त दिनचर्या से निपटने के लिए यह ध्यान सिर्फ 12 मिनट का डिजाइन किया गया है.
हजारों सेना प्रतिभागियों का पहला बैच स्वतंत्रता दिवस पर मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, ग्वालियर, झांसी, सिकंदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु सहित अन्य शहरों में शुरू हुआ. 01 से 14 सितंबर 23 तक कोयंबटूर में ईशा फाउंडेशन में 'प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करना' आवासीय कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है, जहां दक्षिणी कमांड की इकाइयों से प्रशिक्षकों का चयन किया जाएगा. उन्हें आने वाले समय में अपनी इकाई में योग कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रमाणित प्रशिक्षकों के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा.