राजधानी दिल्ली में इजरायली दूतावास के पास हुए बम धमाके की जांच में एक बात अब पुख्ता हो चुकी है कि ये धमाका भले ही छोटा था, लेकिन इसके पीछे बड़ी साजिश थी. इस साजिश में ईरान कनेक्शन सामने आ रहा है. दूतावास के बाहर से मिले लिफाफा के अंदर की चिट्ठी इजरायल के राजदूत के नाम से है. मौके से बरामद चिट्टी में धमाके को ट्रेलर बताया गया है.
इस चिट्ठी में ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी का जिक्र है, जिनकी 3 जनवरी 2020 को इराक में बगदाद एयरपोर्ट के पास ड्रोन हमले में हत्या कर दी गई थी. इसके अलावा ईरान के टॉप न्यूक्लियर साइंटिस्ट मोहसिन फकीरजादेह का भी नाम है. जिनकी हत्या में सैटेलाइट नियंत्रित स्मार्ट सिस्टम मशीनगन का इस्तेमाल किया गया था. चिट्ठी में इन दोनों की हत्या का बदला लेने की बाद कही गई है. एजेंसियां अब इस एंगल से भी मामले की जांच कर रही हैं.
सूत्रों के मुताबिक, जो लिफाफा मिला है, जांच एजेंसियां उसका टच डीएनए कराने की तैयारी में हैं ताकि सबूत सुरक्षित किया जा सके. इसके अलावा जांच के अपडेट पर इजरायल की जांच एजेंसी मोसाद की भी नजर है. इस जांच में मोसाद के शामिल होने पर सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने कहा है कि हर एजेंसी अपने लेवल पर काम करती है. अभी तक मोसाद स्पॉट पर आएगी, इसकी कोई जानकारी नहीं है, लेकिन वे अपनी समांतर जांच करते ही हैं.
ईरान से आए लोगों पर नजर
इजरायली दूतावास के पास हुए धमाके का ईरानी कनेक्शन आने के बाद दिल्ली पुलिस सक्रिय हो गई है. दिल्ली पुलिस ने FRRO यानी कि Foreigners Regional Registration Office से वैसे लोगों की सूची मांगी है जो पिछले एक महीने में ईरान और दूसरे मध्य पूर्व देशों से दिल्ली आए हैं. इसके अलावा दिल्ली के सभी होटलों से संपर्क किया जा रहा है.
जैश-उल हिंद नाम के संगठन ने ली जिम्मेदारी
इजरायली दूतावास के बाहर IED ब्लास्ट की जिम्मेदारी जैश-उल हिंद नाम के संगठन ने ली है. इस संगठन ने दावा किया है कि उसने ही इजरायली दूतावास के सामने धमाका करवाया है. देश की खुफिया एजेंसियां इस दावे की सत्यता की जांच कर रही है. खुफिया एजेंसियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर एक चैट पाया है.
जांच में पता चला है कि जिस बम का इस्तेमाल किया गया था, उसे एक प्रोफेशनल ने तैयार किया था. जांच एजेंसी के सूत्र बताते हैं कि बम तैयार करने वाले व्यक्ति को इसकी ट्रेनिंग दी गई थी. धमाके के लिए टाइमर का इस्तेमाल किया गया था. जांचकर्ताओं ने ड्राई सेल के टुकड़े घटनास्थल से इकट्ठे किए हैं.
माना जा रहा है कि इससे जांच और भी मुश्किल हो जाएगी. आशंका ये है कि धमाके के लिए इस्तेमाल विस्फोटक सेना में इस्तेमाल होने वाला विस्फोटक (मिलिट्री ग्रेड एक्सप्लोसिव)) है. हालांकि इस बारे में फॉरेंसिक रिपोर्ट अभी भी नहीं आई है. अगर ब्लास्ट में मिलिट्री ग्रेड विस्फोटक के हो जाने की पुष्टि हो जाती है तो इससे ये निष्कर्ष निकलेगा कि ये काम किसी एजेंसी या प्रोफेशनल संस्था द्वारा अंजाम दिया गया है.
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