इजरायल के पेगासस (Pegasus) सॉफ्टवेयर के जरिए फोन टैपिंग की रिपोर्ट आने के बाद बवाल मचा हुआ है. विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) को घेर रही है तो वहीं सरकार भी इन आरोपों को खारिज कर रही है. लेकिन इस बीच साइबर एक्सपर्ट (Cyber Expert) की राय है कि इस मामले की जांच बेहद जरूरी है.
डिजिटल लाइफ चलाने वाले साइबर एक्सपर्ट जितिन जैन ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा है कि इस मामले को देखते हुए इजरायली कंपनी NSO की बातों पर यकीन नहीं किया जा सकता कि उन्होंने ये सॉफ्टवेयर सिर्फ सरकार को या सरकारी एजेंसियों को ही बेचा है क्योंकि ऐसा भी हो सकता है कि उन्होंने इसे पूंजीपतियों या अंतरराष्ट्रीय लॉबिस्ट को भी बेचा हो.
उनका कहना है कि इस मामले की जांच होनी चाहिए क्योंकि हो सकता है कि NSO ने ये सॉफ्टवेयर सिर्फ सरकारों को नहीं, बल्कि किसी प्राइवेट एजेंसियों को भी बेचा हो.
ये भी पढ़ें- Pegasus: 1 व्यक्ति की जासूसी करने का खर्च लगभग 70 लाख रुपये, ऐसे करता ये स्पाईवेयर काम
पेगासस काम कैसे करता है?
राजस्थान के रहने वाले साइबर एक्सपर्ट नीलेश कुमार कहते हैं कि ये दुनिया का सबसे ताकतवर सॉफ्टवेयर है जिसे स्पाइवेयर भी कहा जाता है क्योंकि ये एंड्रॉयड के साथ-साथ आईफोन जैसे ताकतवर सॉफ्टवेयर की खामियों का फायदा उठाकर भी जासूसी को अंजाम दे सकता है.
नीलेश कहते हैं, "पिछले साल भी पेगासस का इस्तेमाल करके लोगों की जासूसी का मामला सामने आ चुका है. ये सॉफ्टवेयर एप्पल और एंड्राइड के सभी सॉफ्टवेयर को हैक कर सकता है और इसीलिए इसे बेहद ताकतवर माना जाता है. ये सॉफ्टवेयर फोन के अंदर मौजूद किसी भी एप्लीकेशन की बारीक से बारीक कमियों का फायदा उठाकर जासूसी कर सकता है."
नीलेश बताते हैं कि "पेगासस दरअसल एक रिमोट कंट्रोल जासूसी डिवाइस की तरह है जिसका इस्तेमाल करके किसी भी मोबाइल फोन को दूर से बैठकर नियंत्रित किया जा सकता है और उसके जरिए जासूसी की जा सकती है क्योंकि ये फोन के अंदर मौजूद हर चीज को पड़ सकता है. ये अब तक का सबसे ताकतवर सॉफ्टवेयर है जिससे जासूसी को अंजाम दिया जा रहा है."