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घड़ी की दुकान, झुग्गी और फ्लैटों से चल रहीं राजनीतिक पार्टियां, डोनेशन के नाम पर किया करोड़ों का खेल

मुंबई में आयकर विभाग के अधिकारी सायन में एक घनी झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाके में पहुंचे. इस दौरान करीब 100 वर्ग फुट की झोपड़ी में स्थित एक ऐसी ही पार्टी का पंजीकृत ऑफिस मिला. बैंक रिकॉर्ड के मुताबिक इस पार्टी ने पिछले दो साल में करीब 100 करोड़ रुपये का डोनेशन लिया था. ये राजनीतिक दल पंजीकृत है लेकिन भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के अनुसार मान्यता प्राप्त नहीं है.

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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट

टैक्स चोरी और पॉलिटिकल फंडिंग के मामले में आयकर विभाग ने पंजीकृत लेकिन गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के ठिकानों पर बुधवार को देश के कई हिस्सों में बड़ी कार्रवाई की. इस क्रम से मुंबई में छापेमारी करते हुए टीम उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में स्थित एक घड़ी की दुकान तक जा पहुंची. यहां पूछताछ में यह बात सामने आई कि घड़ी की दुकान का मालिक भी ऐसे ही एक राजनीतिक दल का अध्यक्ष था. हालांकि उसने बताया कि उसे डोनेशन और प्रमाण पत्र के बारे में कोई जानकारी नहीं है. जांच में यह बात सामने आई कि इस दल ने पिछले तीन साल में 370 करोड़ का डोनेशन लिया था. जिसके बाद से आयकर विभाग इसके अध्यक्ष का पता लगाने में जुटा हुआ था. 

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जानकारी के मुताबिक उक्त व्यक्ति ने यह भी बताया कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जो गुजरात के अहमदाबाद में रहता है, इसमें शामिल हो सकता है. इस जानकारी के आधार पर अहमदाबाद के इनकम टैक्स अधिकारियों ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का पता लगाया. जब उससे पूछताछ की गई तो उसने कथित तौर पर लगभग 3 प्रतिशत कमीशन लेकर डोनेशन सर्टिफिकेट देने की बात कबूली. वहीं शेष पैसा संस्थाओं को अलग-अलग माध्यम से दिया गया था. खेल करने के लिए फिर कैश में डोनेशन करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को ये पैसा वापस कर दिया गया था. यूपी में ऐसी दो और पार्टियां इसमें शामिल हैं. 

बता दें कि मुंबई, गुजरात, दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में आयकर अधिकारियों द्वारा छापेमारी की गई. सूत्रों के अनुसार, भारत में 2099 पंजीकृत राजनीतिक दल हैं, जिनमें से 2044 पंजीकृत तो हैं, लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त हैं. वहीं केवल 55 दलों को ही मान्यता प्राप्त है. राजनीतिक दलों को उनके द्वारा प्राप्त डोनेशन पर किसी भी प्रकार के टैक्स से छूट मिलती है. जिसके जरिए टैक्स चोरी का खेल किया जा रहा था. सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को भी छापेमारी जारी रहेगी.

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झोपड़ी में मिला राजनीतिक दल का ऑफिस

मुंबई में आयकर विभाग के अधिकारी सायन में एक घनी झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाके में पहुंचे. इस दौरान करीब 100 वर्ग फुट की झोपड़ी में स्थित एक ऐसी ही पार्टी का पंजीकृत ऑफिस मिला. बैंक रिकॉर्ड के मुताबिक इस पार्टी ने पिछले दो साल में करीब 100 करोड़ रुपये का डोनेशन लिया था. ये राजनीतिक दल पंजीकृत है लेकिन भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के अनुसार मान्यता प्राप्त नहीं है.

सूत्रों की मानें तो पार्टी अध्यक्ष से जब आईटी अधिकारियों ने सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें स्टेटस के लिए सिर्फ पद दिया गया है और उन्हें पार्टी अध्यक्ष बुलाया जाता है. लेकिन पार्टी बनाने से लेकर सभी डोनेशन और अन्य संबंधित गतिविधियों को अहमदाबाद में रहने वाले ऑडिटरों द्वारा नियंत्रित किया जाता है. 

सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने करीब 100 करोड़ रुपये का डोनेशन लिया था और इस डोनेशन के लिए सर्टिफिकेट भी दिए गए थे. इन सर्टिफिकेटों का उपयोग इनकम टैक्स बचाने के लिए किया जाता था. डोनेशन की राशि में 0.01 प्रतिशत की कटौती के बाद पार्टी के लिए ऑडिटर द्वारा बनाई गई संस्थाओं और फर्मों को कई माध्यम से पैसा देने के बाद इसे कैश में वापस कर दिया जाता था. 

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कमीशन लेकर डोनेट करने वाले को वापस होता था पैसा

एक और ऐसी पार्टी को मुंबई में आयकर विभाग द्वारा खोजा गया है, जो बोरीवली में स्थित थी. यहां उक्त पार्टी एक छोटे से फ्लैट से संचालित होती थी. पार्टी ने विभिन्न व्यक्तियों और संस्थाओं से लगभग 50 करोड़ रुपये का डोनेशन लिया था और उसी पद्धति का उपयोग करते हुए डोनेशन कई फर्मों और संस्थाओं के माध्यम से लिया गया. फिर उसी प्रतिशत की कटौती के बाद इसे कैश में डोनेट करने वाले व्यक्ति या संस्था को वापस कर दिया गया था.
 
2000 करोड़ से अधिक हो सकती है डोनेशन की रकम

गौरतलब है कि देश भर में लगभग 205 ऐसे स्थानों और ऐसे कई राजनीतिक दलों पर छापे मारे गए हैं, जिनका उपयोग लोगों और संस्थाओं के टैक्स चोरी करने के लिए किया जाता था. जानकारों की मानें तो मुंबई और गुजरात में ऐसी पार्टियों को मिले डोनेशन की कुल मात्रा 2000 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है. गुजरात और अहमदाबाद में ज्यादातर इस तरह की कई पार्टियां फ्रॉड के लिए संचालित की जा रही थीं. गुजरात में ऐसे 21 राजनीतिक दलों पर छापेमारी करने के लिए 120 से अधिक आयकर विभाग के अधिकारियों की टीम को मुंबई से भेजा गया था.

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