आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और YSR कांग्रेस पार्टी के प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने राज्य की एनडीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के शासन में हिंदू धर्म खतरे में है, क्योंकि कासिनायना क्षेत्र में स्थित मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया.
नंदयाल जिले के नल्लमाला वन में स्थित कासीनायना क्षेत्र में बने मंदिर को वन विभाग के नियमों के कथित उल्लंघन के कारण जमींदोज कर दिया गया था. जबकि केंद्र ने 7 अगस्त 2023 को मंदिर के निर्माण पर रोक लगाने का आदेश दिया था, जिसमें कहा गया था कि यह वन भूमि में स्थित है, रेड्डी ने दावा किया कि उनकी पूर्ववर्ती वाईएसआरसीपी सरकार ने मंदिर की सुरक्षा के लिए 12.98 हेक्टेयर वन भूमि के लिए छूट मांगी थी.
जगन रेड्डी ने कहा कि हमारे कार्यकाल के दौरान, हमने मंदिर की भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित की, लेकिन इस सरकार के शासन के कुछ ही महीनों के भीतर, उनकी (चंद्रबाबू सरकार) निगरानी में एक पवित्र मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया. अब, उन्हें जवाब देना चाहिए कि क्या वे इस तरह से हिंदू धर्म की रक्षा करते हैं.
टीडीपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर ध्वस्तीकरण की निगरानी करने का आरोप लगाते हुए रेड्डी ने दावा किया कि जिला कलेक्टर और राजस्व मंडल अधिकारी (आरडीओ) के आदेश मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण के इशारे पर लागू किए गए थे.
ध्वस्तीकरण को हिंदू धर्म पर एक 'बर्बर हमला' बताते हुए वाईएसआरसीपी प्रमुख जगन रेड्डी ने चंद्रबाबू सरकार को घटना के बारे में तथ्य पेश करने की चुनौती दी. उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन पर पाखंड का भी आरोप लगाया. तिरुमाला लड्डू विवाद और हाल ही में एक धार्मिक आयोजन में हुई भगदड़ को मंदिर की पवित्रता की रक्षा करने में चंद्रबाब सरकार की विफलता बताया. रेड्डी ने इस मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री की चुप्पी पर भी सवाल उठाया.