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श्रद्धालुओं को मुफ्त में मिल सकता है जगन्नाथ धाम का 'महाप्रसाद', योजना पर विचार कर रही है ओडिशा सरकार

इस पहल से सरकार पर प्रति वर्ष 14-15 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा. मंत्री हरिचंदन ने कहा, "हमने अनुमान लगाया है कि महाप्रसाद के नि:शुल्क वितरण के लिए सरकार को इस राशि की जरूरत होगी. हालांकि, सरकार इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए आर्थिक रूप से सक्षम भक्तों को भी सहयोग करने के लिए आमंत्रित कर रही है.

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जगन्नाथ पुरी के महाप्रसाद को निशुल्क किया जा सकता है.
जगन्नाथ पुरी के महाप्रसाद को निशुल्क किया जा सकता है.

ओडिशा सरकार ने पुरी के विश्वविख्यात जगन्नाथ मंदिर में भक्तों को 'महाप्रसाद' नि:शुल्क वितरित करने की योजना बनाई है. यह ऐतिहासिक कदम मंदिर में आने वाले लाखों भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत होगी. राज्य के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने रविवार को इसकी जानकारी दी और बताया कि सरकार इस योजना को जल्द से जल्द लागू करने के प्रयास में जुटी हुई है.

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14-15 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च
इस पहल से सरकार पर प्रति वर्ष 14-15 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा. मंत्री हरिचंदन ने कहा, "हमने अनुमान लगाया है कि महाप्रसाद के नि:शुल्क वितरण के लिए सरकार को इस राशि की जरूरत होगी. हालांकि, सरकार इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए आर्थिक रूप से सक्षम भक्तों को भी सहयोग करने के लिए आमंत्रित कर रही है. कई भक्तों ने पहले ही इस दिशा में सहयोग देने की सहमति दी है."

कार्तिक माह के बाद हो सकता है लागू
हरिचंदन ने बताया कि यह योजना पवित्र ओडिया ‘कार्तिक’ माह (2 महीने) के समाप्त होने के बाद लागू हो सकती है. कार्तिक माह धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है. इस दौरान विशेष धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ होते हैं, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं. इसके बाद, 'महाप्रसाद' के नि:शुल्क वितरण की योजना को क्रियान्वित करने की उम्मीद की जा रही है.

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'हबिस्याली' महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था
कार्तिक माह के दौरान विशेष अनुष्ठान करने वाली महिलाओं, जिन्हें 'हबिस्याली' कहा जाता है, के लिए भी ओडिशा सरकार ने विशेष प्रबंध किए हैं. 'हबिस्याली' महिलाएं इस पवित्र महीने के दौरान कठोर व्रत और अनुष्ठानों का पालन करती हैं. सरकार की ओर से इनके लिए आवास, भोजन और अन्य सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है, ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन कर सकें.

मंदिर दर्शन की प्रक्रिया में सुधार
मंत्री हरिचंदन ने यह भी बताया कि पुरी के 12वीं सदी के इस ऐतिहासिक मंदिर में भक्तों के दर्शन की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए एक नई योजना तैयार की जा रही है. "हम एक ऐसा सिस्टम बनाने पर काम कर रहे हैं, जिससे मंदिर में आने वाले भक्तों को दर्शन के दौरान किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े. भीड़ प्रबंधन और दर्शन की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए एक नया डिजाइन तैयार किया जा रहा है."

भक्तों को मिलेगा लाभ
पुरी जगन्नाथ मंदिर के 'महाप्रसाद' का नि:शुल्क वितरण न केवल एक धार्मिक पहल है, बल्कि भक्तों के लिए एक बड़ी राहत भी होगी, खासकर उन लोगों के लिए जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं. हर दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए पुरी आते हैं, और महा प्रसाद का वितरण इस अनुभव को और भी पवित्र और विशेष बना देगा.

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अधिकारियों और मंदिर प्रशासन का सहयोग
सरकार इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए मंदिर प्रशासन और पुरी के स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही है. भक्तों के लिए यह कदम जगन्नाथ मंदिर की समृद्ध परंपरा और इसके धार्मिक महत्व को और भी बढ़ाएगा. महाप्रसाद, जो भगवान जगन्नाथ का प्रसाद होता है, ओडिशा में अत्यंत पवित्र माना जाता है और इसे प्राप्त करना भक्तों के लिए एक विशेष धार्मिक अनुभव होता है.


 

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