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शीत सत्र में हीटः राज्यसभा में सभापति धनखड़ बोले- मैं किसान का बेटा, झुकूंगा नहीं! खड़गे का जवाब- मैं भी मजदूर का बेटा!

राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्ष पर भड़कते हुए कहा कि मैंने आपको बहुत बर्दाश्त किया है लेकिन आपको किसान का बेटा बर्दाश्त नहीं हो रहा है. उनका इतना कहते ही विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने तपाक से कहा कि आप किसान के बेटे हैं तो मैं भी मजदूर का बेटा हूं. 

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जगदीप धनखड़ और मल्लिकार्जुन खड़गे
जगदीप धनखड़ और मल्लिकार्जुन खड़गे

संसद का शीतकालीन सत्र लगातार हंगामे की भेंट चढ़ रहा है. राज्यसभा में शुक्रवार को भी कुछ इसी तरह का नजारा देखने को मिला. इस दौरान राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ विपक्ष पर भड़क गए. इस दौरान सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ उनकी तीखी नोक-झोंक देखने को मिली.

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सभापति धनखड़ ने सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्ष पर भड़कते हुए कहा कि मैंने आपको बहुत बर्दाश्त किया है लेकिन आपको किसान का बेटा बर्दाश्त नहीं हो रहा है. उनका इतना कहते ही विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने तपाक से कहा कि आप किसान के बेटे हैं तो मैं भी मजदूर का बेटा हूं. 

धनखड़ ने कहा कि मानकर चलिए कि किसान का बेटा हूं. कमजोरी नहीं दिखाऊंगा. देश के लिए मर जाऊंगा, मिट जाऊंगा. आप लोग चिंतन नहीं करेंगे. चौबीसों घंटे एक ही काम है कि किसान का बेटा यहां क्यों बैठा है? मैंने बहुत बर्दाश्त किया है. आज का किसान खेत तक सीमित नहीं है. आज का किसान हर जगह काम करता है. सरकारी नौकरी में है, उद्योग में है. आप प्रस्ताव लाए, आपका अधिकार है. प्रस्ताव पर चर्चा हो, आपका अधिकार है. लेकिन आपने क्या किया, संविधान की धज्जियां उड़ा दी.

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खड़गे ने धनखड़ से कहा कि हम सदन में आपकी तारीफ करने के लिए नहीं आए हैं. इस पर धनखड़ ने कहा कि देश को पता है कि आप किसकी तारीफ सुनना चाहते हैं. मैं संविधान के नाम पर आपसे अपील करता हूं कि मेरे चैंबर में मुझसे बात करें. हम मिलकर काम करेंगे ताकि हम सदन को चला सकें. 

धनखड़: मैं किसान का बेटा हूं...

खड़गे: मैं मजदूर का बेटा हूं...

धनखड़: मैं झुकूंगा नहीं... मर जाऊंगा देश के लिए झुकूंगा नहीं

खड़गे: मैं मजदूर का बेटा हूं... 

धनखड़: मैं सभी को इज्जत देता हूं.. पर आप लोगों की भाषा देखिए.

खड़गे: हम आपकी तारीफ करने के लिए यहां नहीं आए हैं.

धनखड़: देश को पता है कि आप किसकी तारीफ सुनना चाहते हैं. चौबीसों घंटे एक ही काम है कि किसान का बेटा यहां क्यों बैठा है? मेहरबानी करके कुछ सोचिए. मैंने आंखों से देखा है. पीड़ा महसूस कर रहा हूं. मैंने इज्जत देने में कोई कमी नहीं रखी. 

खड़गे: आप मेरा सम्मान नहीं कर रहे तो मैं कैसे आपका सम्मान कर सकता हूं? 

धनखड़: मैंने सम्मान देने में कोई कमी नहीं रखी. मैं खड़गे जी आपकी इज्जत करता हूं लेकिन किसी भी हालत में कमजोर नहीं पड़ूंगा. सबकी सुनूंगा, पूरे दिन सुनूंगा पर कमजोर नहीं पड़ूंगा. 

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खड़गे: आप सदन को परंपरा से चलाइए...

इस तरह राज्यसभा में भारी हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही को सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. बता दें कि संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही विपक्ष के जोरदार हंगामे की वजह से लगातार बाधित हो रही है.

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