संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण हंगामे से भरा रहा. हंगामे के कारण बजट सत्र के अंतिम दिन भी दोनों सदनों की कार्यवाही में बाधा आई. राज्यसभा में सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने अडानी मुद्दे पर जेपीसी जांच की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
दोपहर दो बजे जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने नियमों का हवाला देते हुए सभापति धनखड़ के उस निर्णय पर आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे की आपत्ति खारिज कर दी थी. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राहुल गांधी के बयान को लेकर राज्यसभा में चर्चा पर आपत्ति जताई थी.
डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने पीयूष गोयल की ओर से नाम लिए बिना राहुल गांधी के लंदन वाले वक्तव्य का बार-बार जिक्र किए जाने का उल्लेख किया और कहा कि जब उन्होंने किसी का नाम ही नहीं लिया. फिर वे किससे कह रहे कि माफी मांगो, माफी मांगो. तिरुचि शिवा ने रूल 157 के हवाला दिया और जैसे ही बोलना शुरू किया, सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें टोका.
सभापति जगदीप धनखड़ ने तिरुचि शिवा को टोकते हुए कहा कि आप वरिष्ठ सदस्य हैं. रिजॉल्यूशन की बात कहां से आ गई. उन्होंने कहा कि ये रूल रिजॉल्यूशन को लेकर है. सभापति ने चुटकी लेते हुए कहा कि जब हमें ट्रेन पकड़नी होगी तो हम एयरपोर्ट जाएंगे क्या. उन्होंने तिरुचि शिवा से कहा कि आप हमारे निर्णय से जुड़े रूल बताइए. तिरुचि शिवा ने इसके बाद नियम 238 (1), 238 (2), 238 (3) का हवाला देते हुए सभापति के निर्णय पर आपत्ति जताई.
गोहिल ने किया शिवा की आपत्ति का समर्थन
तिरुचि शिवा की आपत्ति का कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने समर्थन किया. उन्होंने कहा कि यहां कोई भी स्थायी नहीं है. हम आज हैं, कल नहीं रहेंगे. आप आज हैं, कल नहीं रहेंगे लेकिन ये सदन स्थायी है. कांग्रेस सांसद गोहिल ने कहा कि हम आज जो परंपराएं यहां डालकर जाएंगे, वह रह जाएंगी. उन्होंने कहा कि आपका निर्णय नियमों से परे नहीं जाना चाहिए.
पीयूष गोयल बोलने उठे तो विपक्ष ने की नारेबाजी
तिरुचि शिवा और शक्ति सिंह गोहिल की आपत्ति के बाद राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल रूल बुक लेकर बोलने के लिए खड़े हुए. पीयूष गोयल ने जैसे ही बोलना शुरू किया, विपक्ष के सांसदों ने अडानी मुद्दे को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी. विपक्ष ने वी वांट जेपीसी के नारे लगाने शुरू कर दिए. इसके बाद पीयूष गोयल ने भी कहा कि बिना माफी मांगे कोई नहीं बोल पाएगा. फिर सत्तापक्ष की ओर से भी माफी मांगो के नारे लगाए जाने लगे.
दोनों तरफ से नारेबाजी शुरू हुई तो जगदीप धनखड़ ने बोलना शुरू किया. उन्होंने तिरुचि शिवा की ओर से अपने निर्णय पर आपत्ति को लेकर उनकी तारीफ की और कहा कि ये क्या है मिस्टर शिवा. सभापति ने तिरुचि शिवा से कहा कि आपने भी इनके जैसी ही काली ड्रेस पहनी थी लेकिन आप इन्हें शांत नहीं करा पा रहे. सभापति जगदीप धनखड़ ने इसके बाद रजनी अशोकराव पाटिल के कार्यवाही के दौरान वीडियो बनाने के मामले में प्रिविलेज कमेटी की रिपोर्ट मिलने की जानकारी दी.
हंगामे के बीच ही सभापति ने दी कामकाज की जानकारी
सभापति धनखड़ ने सदन में ये बताया कि प्रिविलेज कमेटी ने बजट सत्र से निलंबित रजनी अशोकराव पाटिल का निलंबन इस सत्र के बाद तक बढ़ाने की सिफारिश की है. इसके बाद विपक्ष ने हंगामा और नारेबाजी और तेज कर दी. विपक्ष के सांसद तानाशाही नहीं चलेगी के नारे लगाने लगे. विपक्ष के हंगामे के बीच ही सभापति ने राज्यसभा में इस सत्र के दौरान हुए कामकाज की जानकारी दी और वंदे मातरम की धुन के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी.