भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को यूक्रेन संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अपना संबोधन दिया. उन्होंने कहा, "संघर्ष का असर दूर के क्षेत्रों में भी महसूस किया जा रहा है. हम सभी ने बड़े पैमाने पर अनाज, उर्वरक और ईंधन की कमी के रूप में इसके परिणामों का अनुभव किया है."
विदेश मंत्री ने आगे कहा- मानवाधिकारों या अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का बिल्कुल भी समर्थन नहीं किया जा सकता. जहां कहीं भी ऐसा कृत्य होता है, यह जरूरी है कि उनकी निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से जांच की जाए. बुचा में हत्याओं के संबंध में भी हमारा यही स्टैंड था.
एस. जयशंकर ने यूक्रेन संघर्ष पर कहा कि भारत सभी शत्रुता को तत्काल खत्म कर वार्ता और कूटनीति की राह पर लौटने की जरूरत को दृढ़ता से दोहराता है. स्पष्ट रूप से जैसा पीएम मोदी ने कहा था, 'यह युद्ध का युग नहीं हो सकता'.
वहीं उन्होंने लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी को ब्लैकलिस्ट करने में रुकावट पैदा करने पर चीन को भी नसीहत दे दी.
अधिनायकवादी नाजी जैसे देश बन गया है यूक्रेन
यूक्रेन पर यूएनएससी में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि यूक्रेन एक अधिनायकवादी नाजी जैसा देश बन गया है जहां मानवीय कानून के मानदंडों को रौंदा जाता है. इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि उनके सशस्त्र बल शांतिपूर्ण नागरिकों को मानव ढाल के रूप में उपयोग कर रहे हैं.
जयशंकर ने UNSC में लगाई चीन की क्लास
UNSC में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी को ब्लैकलिस्ट करने में अड़ंगा लगाने पर चीन की जमकर निशाना साधा.
उन्होंने कहा- जब दुनिया के कुछ सबसे खतरनाक आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने की बात आती है तो कुछ देश 'दंड मुक्ति' की सुविधा प्रदान करते हैं. राजनीति को कभी भी जवाबदेही से बचने के लिए कवर प्रदान नहीं करना चाहिए.
चीन ने इस महीने की शुरुआत में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर, भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक और 2008 के मुख्य हैंडलर को नामित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका और भारत द्वारा सह-समर्थित प्रस्ताव को रोक दिया था.
ब्रिटेन में मंदिरों पर हमलों को लेकर जताई नाराजगी
एस जयशंकर ने ब्रिटेन में अपने समकक्ष जेम्स क्लेवरली से मुलाकात के दौरान देश में भारतीय समुदाय की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता जाहिर की.
जयशंकर ने ट्वीट किया,‘ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली से शानदार बातचीत हुई. रोडमैप 2030 को आगे ले जाने पर चर्चा हुई. दोनों देशों की भागीदारी को गहरा करने के लिए उनकी प्रतिबद्धता की सराहना करता हूं.' उन्होंने कहा- मैंने ब्रिटेन में भारतीय समुदाय की सुरक्षा और कल्याण को लेकर अपनी चिंता जाहिर की.