चीन ने एक बार फिर अपना ऑफिशियल मैप जारी किया और हर बार की तरह एक बार फिर उस पर भारत सरकार ने उस पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है. चीन ने इस नक्शे में अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन, ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर को अपना हिस्सा बताया है. चीन की इसी हरकत पर विदेश मंत्री जयशंकर भड़क गए हैं.
विदेश मंत्री जयशंकर ने अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को नक्शे में शामिल करने पर आपत्ति जताई. जयशंकर ने कहा कि चीन की आदत है कि वह इस तरह के नक्शे जारी करता रहा है. चीन द्वारा अन्य देशों के क्षेत्रों को अपना बताने से सच्चाई नहीं बदलेगी.
जयशंकर ने कहा कि चीन अपने नक्शों में उन हिस्सों को भी शामिल करता रहा है, जो उसके नहीं है. यह उसकी पुरानी आदत है. भारत के हिस्सों के अपने नक्शे में शामिल करने से कुछ नहीं बदलेगा. हमारी सरकार हमारी सीमाओं और क्षेत्रों को लेकर बहुत स्पष्ट है. इस तरह के भद्दे दावे करने से अन्य देशों के इलाके उनके नहीं हो जाएंगे.
पाकिस्तान हारता हुआ स्टॉक है
चीन पर भड़कते हुए जयशंकर ने पाकिस्तान पर भी निशाना साधते हुए कहा कि लूजिंग स्टॉक (हारते हुए शेयर) के बारे में कौन बात करता है? आज पाकिस्तान के बारे में कोई बात नहीं करता. आज बाजार में पाकिस्तान की कोई चर्चा नहीं है. हारते स्टॉक के बारे में कौन बात करता है?
जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाना सबसे बड़ी उपलब्धि
जयशंकर ने कहा कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाना केंद्र सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है. हमने जम्मू कश्मीर को अब तक अपनी राजनीति की वजह से पीछे रखा. मैंने देखा है कि पूरी दुनिया में इस मुद्दे को कैसे भुनाया गया है. हम पर किस तरह दबाव बनाया गया है. अगर लोग मुझसे हमारे पांच साल के कार्यकाल की उपलब्धियां पूछेंगे तो मैं यकीनन धारा 370 का जिक्र करूंगा. हमने किस तरह से कोरोना का मुकाबला किया है, उसके बारे में बात करूंगा. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा हटाने का पूरी दुनिया ने स्वागत किया है.
क्यों है बवाल?
चीन की कम्युनिस्ट सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स द्वारा पोस्ट किए गए मैप में अरुणाचल प्रदेश, जिसे चीन दक्षिण तिब्बत के रूप में दावा करता है, और 1962 के युद्ध में अक्साई चिन पर कब्जा किया गया था, उसे चीन ने अपना हिस्सा बताया है. वहीं भारत ने चीन से बार-बार कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा.
मैप में ताइवान के अलग द्वीप और दक्षिण चीन सागर के एक बड़े हिस्से पर दावा करने वाली नाइन-डैश लाइन पर चीन के दावों को भी शामिल किया गया है. चीन ताइवान को अपनी मुख्य भूमि का हिस्सा होने का दावा करता है और मुख्य भूमि के साथ इसका एकीकरण चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के संकल्पित उद्देश्य का हिस्सा है. वहीं वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी दक्षिण चीन सागर क्षेत्रों पर अपना करते हैं.