मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही भारत और मालदीव के संबंधों में खासी कड़वाहट देखने को मिली. इस बीच विदेश मंत्री जयशंकर ने मालदीव को अपने चिर परिचित अंदाज में जवाब दिया है. उन्होंने मुइज्जू के 'बिग बुली' के बयान पर कहा कि जब पड़ोसी देश मुश्किल में होते हैं तो दबंगई करने वाले (Big Bullies) 4.5 अरब डॉलर की मदद नहीं देते.
जयशंकर का ये बयान मुइज्जू के उस बयान को लेकर आया है, जो उन्होंने इस साल जनवरी में दिया था. मुइज्जू ने कहा था कि हम भले ही छोटा देश हो सकते हैं लेकिन इससे किसी को भी हमें बुली करने का लाइसेंस नहीं मिलता.
जयशंकर ने एक कार्यक्रम में अपनी किताब 'व्हाइ भारत मैटर्स' पर बात करते हुए संकट में फंसे पड़ोसी मुल्कों की मदद करने में भारत की सक्रिय भूमिका पर जोर दिया. इस दौरान जब जयशंकर से पूछा गया कि क्या भारतीय उपमहाद्वीप में भारत को 'बुली' के तौर पर देखा जाता है.
इस पर जयशंकर ने कहा कि जब आप भारत को बुली के तौर पर देखते हैं तो आपको समझ लेना चाहिए कि 'बिग बुलीज' संकट में फंसे अपने पड़ोसी मुल्कों को 4.5 अरब डॉलर की मदद नहीं देते. 'बिग बुलीज' कोरोना के समय अन्य देशों में वैक्सीन की सप्लाई नहीं करते. युद्ध या संकट में फंसे देशों की खाद्य या उर्वरक जरूरतों को पूरा नहीं करते.
उन्होंने कहा कि आपको आज देखना होगा कि भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच क्या बदला है. यकीनन बांग्लादेश और नेपाल के साथ व्यापारिक संबंध सुधरे हैं. वहां सड़कें हैं, जो एक दशक पहले नहीं थी. वहां रेलवे हैं, जहां क दशक पहले नहीं थे. नेपाल, श्रीलंका, भूटान और बांग्लादेश के साथ निवेश और व्यापार बीते कुछ सालों में बढ़ा है. मालदीव भी इसमें शामिल है.
मुइज्जू ने क्या कहा था?
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने इस साल जनवरी में चीन का पांच दिनों का दौरा किया था. इस दौरे से लौटते ही उन्होंने दो टूक कहा था कि हमें बुली करने का लाइसेंस किसी के पास नहीं है. मुइज्जू ने कहा था कि हम भले ही छोटा देश हो सकते हैं लेकिन इससे किसी को भी हमें बुली करने का लाइसेंस नहीं मिलता. हालांकि, मुइज्जू ने प्रत्यक्ष तौर पर किसी का नाम लेकर ये बयान नहीं दिया था. लेकिन माना गया कि उनका निशाना भारत की तरफ है.
चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू ने पांच दिन के अपने चीन दौरे के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी. उनका ये दौरा ऐसे समय पर हुआ था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मालदीव सरकार के तीन मंत्रियों को सस्पेंड किया गया. इस मामले को लेकर भारत और मालदीव दोनों देशों में राजनयिक विवाद बढ़ा हुआ है.
दोनों देशों के बीच क्या है विवाद?
प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद मालदीव की सरकार के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के इस दौरे की कुछ तस्वीरों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद गहराया था. मामले पर विवाद बढ़ने के बाद इन तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया गया था.